नई दिल्ली। आर्थिक रूप से खस्ताहाल होते जा रहे पाकिस्तान की बदहाली बढ़ती जा रही है. पाकिस्तान का खजाना खाली है, जरूरी खर्चों के लिए सरकार के पास धन नहीं है. इस बीच पाक सरकार को परेशान करने वाला एक और आंकड़ा सामने आया है. पाकिस्तान में महंगाई पिछले पांच साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. मार्च महीने में महंगाई 9.4 फीसदी तक पहुंच गई. महंगाई बढ़ने, रुपये में गिरावट और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाकर 10.75 फीसदी कर दी है.
पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (PBS) के मुताबिक मार्च 2019 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई बढ़कर 9.4 फीसदी पर पहुंच गई. पीबीएस का कहना है कि इस दौरान वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें पाकिस्तान में महंगाई बढ़ने की मुख्य वजह हैं. पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक पिछले तीन महीने में ताजी सब्जियों, फलों और मांस के दाम खासकर शहरों में लगातर बढ़े हैं. जुलाई से मार्च के दौरान औसत महंगाई साल दर साल आधार पर 6.97 फीसदी बढ़ी है.
सरकार ने पिछले वित्त वर्ष के लिए सालाना महंगाई दर 6 फीसदी करने का लक्ष्य रखा था. लेकिन फरवरी में भी महंगाई सरकार के लक्ष्य बिंदु से काफी ऊपर रही. इसके पहले साल 2017-18 में पाकिस्तान में औसत महंगाई दर 3.92 फीसदी और 2016-17 में 4.16 फीसदी थी. पाकिस्तान में महंगाई बढ़ने, रुपये में गिरावट और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से यह अपरिहार्य हो गया था कि केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में सख्त नीति अपनाए. गत शुक्रवार एसबीपी ने नीतिगत दर आधा फीसदी बढ़ाकर 10.75 फीसदी कर दिया, जो कि पहले से ही छह महीने के ऊंचे स्तर पर है.
मौद्रिक सख्ती के बावजूद फूड और एनर्जी की कीमतों पर आधारित कोर इनफ्लेशन 8.5 फीसदी तक पहुंच गई. गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार ने रविवार को सभी पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में 6.45 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है. अप्रैल माह के लिए लागू कीमतों के अनुसार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 6 रुपये प्रति लीटर और किरोसीन तथा लाइट डीजल ऑयल (LDO) में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़त की गई है.
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