पाकिस्तान एक—एक पैसे के लिए मोहताज, पीएम छोड़ेंगे पीएम हाउस

नई दिल्ली। दिन-ब-दिन की आर्थिक हालत खराब होता जा रहा है। आलम ये है कि अब पाकिस्तान को अपने कर्ज का ब्याजा चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पर रहा है। पाकिस्तान के लिए नए प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए देश की आर्थिक हालत को पटरी पर लाने की सबसे बड़ी चुनौती है। इमरान खान बतौर पीएम अपने पहले ही संबोधन में ये साफ कर दिया कि आतंकवाद पाकिस्तान की तरक्की का सबसे बड़ा दुश्मन है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को खत्म किए बिना पाकिस्तान की तरक्की मुमकिन नहीं है। इमरान खान ने ये भी माना कि पाकिस्तान के हालात बेहद खराब हैं और उन्हें भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की सख्त ज़रूरत है।
इमरान खान एक वीडियो मैसेज के ज़रिए पाकिस्तान की आवाम से रूबरू हुए। इमरान खान ने कहा कि पिछले कुछ सालों में आतंकवाद को बढ़ावा देने, सेना पर फिसूल खर्ची करने और भारी भ्रष्टाचार के चलते पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। पाकिस्तान इतने कर्ज़ में डूबा है कि उसका उभर पाना मुश्किल है। इमरान खान की माने तो पाकिस्तान को अब कर्ज का ब्याज देने के लिए भी कर्ज़ लेना पड़ रहा है।
इमरान खान ने इस दौरान सालों से चले आ रहे सरकारी फिज़ूल खर्ची का भी ज़िक्र किया। उन्होंने खुद प्रधानमंत्री को मिलने वाली सुविधाओं को भी कटघरे में खड़ कर दिया। इमरान खान ने पाकिस्तान में रिफॉर्म्स की शुरूआत खुद से की है। वो पीएम का आलीशान घर छोड़कर। पीएम हाउस के बाहर बने एक 3 कमरे के घर में रह रहे हैं। जिससे पैसे बचाए जा सकें। साथ ही उन्होंने साफ कर दिया कि 2 गाड़ियों को छोड़कर पाकिस्तान के पीएम के काफिले की सभी गाड़ियों को नीलाम कर दिया जाएगा।
इमरान खान ने अपने संबोधन में शिक्षा पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने पीएम आवास को एक विश्वस्तरीय यूनिवर्सिटी बनाने का फैसला लिया है। पाकिस्तान में सेना से सेकर सरकार तक हर कोई भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं और राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में ही इमरान खान ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जंग का ऐलान किया। 22 सालों के संघर्ष के बाद इमरान खान ने तब्दीली के वादे के साथ पाकिस्तान की कमान संभाली है। लेकिन ISI और सेना का दबाव और कट्टरवादियों का नाजायज़ दखल पाकिस्तान को कितना बदलने देगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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