नई दिल्ली। पाकिस्तान के आम लोग इन दिनों महंगाई की मार से जूझ रहे हैं. महंगाई ने यहां पिछले पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. वहीं, सरकार के लिए बढ़ता कर्ज लगातार सिरदर्द बढ़ा रहा है। इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस (आईआईएफ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान कर्ज़ के बोझ तले दब चुका है. जीडीपी की तुलना में कर्ज के मामले में सबसे बुरा हाल जमैका, श्रीलंका और पाकिस्तान का है। पाकिस्तान में जीडीपी की तुलना में कर्ज पिछले साल 2018 की चौथी तिमाही (अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर 2018 ) में बढ़कर 75.1 फीसदी पहुंच गया जो एक साल पहले 67 फीसदी था।
अब क्या करेगा पाकिस्तान- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान का चालू खाता घाटा तेजी से बढ़ रहा है. इसीलिए पाकिस्तान आईएमएफ के 13वें बेलआउट पैकेज की तरफ देख रहा है. वहीं सरकार के पास एक ही विकल्प है या तो लोगों पर बोझ बढ़ाया जाए या भुगतान संतुलन की समस्या से जूझे जिससे अर्थव्यवस्था क्रैश हो सकती है.
पाकिस्तान खुद को नकदी संकट से बाहर निकालने के लिए आईएमएफ से आठ अरब डॉलर का राहत पैकेज चाहता है.(ये भी पढ़ें-इस बैंक ने बंद की ये सर्विस, ग्राहक नहीं निकाल पाएंगे पैसा)
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बुधवार को शुरू हुई वार्ता से पहले बीजिंग में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड के साथ बैठक हुई थी. आईएमएफ का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को यहां पहुंचा था।
प्रस्तावित कर्ज़ पर यह बातचीत छह मई को संपन्न होने की उम्मीद है. जियो न्यूज की खबर के अनुसार प्रस्तावित राहत पैकज सात से आठ अरब डॉलर का होगा।
कर्ज़ में डूब रहा है पाकिस्तान-इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस (आईआईएफ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में इन देशों में लिया गया कर्ज करीब 17.4 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 223 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया जो जीडीपी का करीब 117 फीसदी था।
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