संसद: उग्रवादियों का इनपुट था, वाहन नहीं रूकने पर सेना ने गोलियां चलाईं

नई दिल्ली। सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में इस घटना पर बयान दिया। राज्यसभा में शाह ने बताया कि सेना को मोन जिले के ओटिंग में उग्रवादियों के मूवमेंट की खुफिया सूचना मिली थी। इसी आधार पर 21 कमांडो ने संदिग्ध इलाके में ऑपरेशन शुरू किया था। इसी दौरान एक वाहन वहां पहुंचा। सेना ने उसे रुकने का इशारा किया, लेकिन वाहन चालक ने इसे रोकने की बजाय भगाने की कोशिश की। उग्रवादियों को ले जा रहे वाहन के संदेह में सेना ने उस पर गोली चलाई, जिसमें 14 लोगों की मौत हुई।

गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि उग्रवादियों को ले जा रहे वाहन के संदेह में, उस पर गोली चलाई गई। वाहन में सवार 8 लोगों में से 6 की मौत हो गई। बाद में पता चला कि यह गलत पहचान का मामला है। घायल हुए 2 अन्य लोगों को सेना ने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा। उधर, घटना की खबर मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों ने सेना की यूनिट को घेर लिया और 2 वाहनों में आग लगा दी। उन पर हमला कर दिया। परिणामस्वरूप, सुरक्षा बलों का एक जवान शहीद हो गया और; कई अन्य जवान घायल हो गए। इसके बाद सुरक्षा बलों को आत्मरक्षा के लिए और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए फायरिंग का सहारा लेना पड़ा। इससे 7 और नागरिकों की मौत हो गई, कुछ अन्य घायल हो गए। स्थानीय प्रशासन-पुलिस ने स्थिति सामान्य करने की कोशिश की है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि सरकार ने घटना की जांच के लिए SIT गठित कर दी है। यह एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार भी जितना संभव है उतना मदद कर रही है। मामले में FIR दर्ज कर ली गई है। शाह ने कहा कि इस घटना के बाद कुछ लोगों ने 5 दिसंबर को असम राइफल्स की यूनिट पर तोड़ फोड़ की। मकान में आग लगा दी। इसके बाद असम राइफल्स को गोली चलानी पड़ी। इसमें एक और व्यक्ति की मृत्यु हो गई। प्रभावित क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। शाह ने कहा कि सेना ने इन मौतों पर अत्यधिक दुख व्यक्त किया है। घटना में कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। गृह मंत्रालय पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों से कहा गया है कि वे विद्रोहियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाते वक्त इस बात का ध्यान दें कि जिससे कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो।

वहीं, सेना की फायरिंग में मारे गए 14 लोगों के मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठा दी गई है। इस इंक्वायरी का इंचार्ज मेजर जनरल रैंक के अधिकारी को बनाया गया है। जांच अधिकारी, नॉर्थईस्ट सेक्टर में तैनात हैं।

नागालैंड के मोन जिले में यह घटना शनिवार शाम की है। सेना के सूत्रों के मुताबिक उस दिन खुफिया इनपुट मिला था कि उग्रवादियों का इलाके में मूवमेंट है। इस पर सेना सर्च ऑपरेशन चला रही थी। उधर, कुछ मजदूर एक पिकअप वाहन में अपने गांव लौट रहे थे। इसी दौरान सेना ने उन्हें उग्रवादी समझकर फायरिंग कर दी। घटना के बाद स्थानीय लोगों की सेना से झड़प हो गई, जिसमें कुल 13 सिविलियंस और 1 आर्मी जवान की मौत हो गई। घटना के बाद लोगों ने सेना की दो गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। घटना में रविवार को भी एक मौत हुई। इस तरह घटना में कुल 15 लोगों की मौत हो गई। घटना के बाद से मोन शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

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