नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक (BJP’s Parliamentary Party meeting) में कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) के बेटे आकाश विजयवर्गीय द्वारा नगर निगम के अधिकारी (Municipal Corporation officer) को बैट (cricket bat) से पीटने के मामले को अस्वीकार्य बताते हुए इस हरकत पर गहरी नाराजगी जताई। प्रधानमंत्री ने सख्त लहजे में बिना किसी का नाम लिए कहा कि ऐसी घटनाओं की अनदेखी नहीं की जा सकती है।
संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग के जीएमसी बालयोगी सभागृह में आयोजित इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी दोनों सदनों के सांसदों को संबोधित किया। एक भाजपा सांसद ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि आकाश विजयवर्गीय के हालिया व्यवहार पर प्रधानमंत्री बेहद नाराज थे। उन्होंने कहा कि ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है। चाहे वह किसी का बेटा क्यों न हो उसकी यह हरकत बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। राज्य की भाजपा ईकाई को ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए। यही नहीं जिन लोगों ने स्वागत किया है, उन्हें पार्टी में रहने का हक नहीं है। सभी को पार्टी से निकाल दिया जाना चाहिए।
इस मामले में जांच की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे व्यवहार का समर्थन करने वाले लोगों पर भी सवाल है। यही नहीं पीएम मोदी ने सांसदों को संसद में पूरे समय रहने की चेतावनी देते हुए जिम्मेदार और सौहार्दपूर्ण व्यवहार करने की नसीहत दी। उन्होंने सांसदों से आम आदमी के मुद्दे को उठाने के लिए कहा। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के साथ, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं अन्य नेता मौजूद थे।
गौर करने वाली बात है कि कई दशकों में ऐसा पहली बार रहा जब वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी इस बैठक में मौजूद नहीं थे। यहीं नहीं इस बैठक में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी नहीं नजर आईं। भाजपा के ये सभी दिग्गज नेता इस बार संसद के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। इससे पहले संसदीय दल की बैठक 25 जून को होनी थी लेकिन राजस्थान में भाजपा प्रमुख मदन लाल सैनी के निधन के कारण इसे टाल दिया गया था।
बता दें कि इससे पहले भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने कहा था कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। आकाश जी और नगर निगम कमिश्नर दोनों ही कच्चे खिलाड़ी हैं। यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं था लेकिन इसे बड़ा बनाया गया। मुझे लगता है कि अधिकारियों को अहंकारी नहीं होना चाहिए।
वहीं भोपाल की विशेष अदालत से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए आकाश ने कहा था कि मैं जनता की सेवा करता रहूंगा। ऐसी स्थिति में जब पुलिस के सामने ही किसी महिला को घसीटा जा रहा था, मैं कुछ और करने की नहीं सोच सकता था। इसलिए मैंने जो कुछ किया उसे लेकर शर्मिंदा नहीं हूं। मैं भगवान से प्रार्थना जरूर करूंगा कि वह दोबारा मुझे ऐसी बल्लेबाजी करने का मौका ना दे।
दरअसल, इंदौर में नगर निगम का दल गंजी कंपाउंड क्षेत्र में 26 जून को एक जर्जर मकान को गिराने पहुंचा था। इसकी सूचना पर घटना स्थल पर पहुंचे भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय की नगर निगम के कर्मचारियों से नोकझोंक हो गई थी। उन्होंने बैट लेकर नगर निगम के अधिकारियों की कथित तौर पर पिटाई की थी। इस घटना को लेकर उन्हें गिरफ्तार किया गया था। बाद में उनकी रिहाई पर समर्थकों ने फायरिंग की थी और जश्न मनाया था
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