नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नीरव मोदी के पंजाब नैशनल बैंक धोखाधड़ी सहित अनेक वित्तीय घोटालों की शीर्ष अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (SIT) से जांच कराए जाने के लिए दायर जनहित याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के खिलाफ इसमें अनावश्यक और अनुचित बातें कही गई हैं।
CJI दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस धनंजय वाई चन्द्रचूड़ की खंडपीठ ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के खिलाफ याचिका में लगाए गए आरोपों पर सख्त नाराजगी व्यक्त की। पीठ ने कहा, ‘याचिका में किए गए अनावश्यक, अनुचित और दुख देने वाले दावों को देखते हुए हम इस याचिका पर विचार करने के पक्ष में नहीं है। याचिका खारिज की जाती है। ’
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इसमें सरकार के दो प्रमुख नेताओं के खिलाफ अनेक अपुष्ट, निराधार आरोप लगाए गए हैं। यह जनहित याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की थी और उन्होंने पंजाब नैशनल बैंक धोखाधड़ी सहित सभी बड़े वित्तीय घोटालों की जांच न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल से कराने का अनुरोध किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि कोई भी बैंक राजनीतिक नेतृत्व के हस्तक्षेप के बगैर बहुत रकम नहीं देगा। पीठ ने याचिकाकर्ता वकील का यह आग्रह भी स्वीकार नहीं किया कि उन्हें शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व के नाम हटाकर फिर से याचिका दायर करने की अनुमति दी जाए।
Leave a Reply