प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में अनुप्रिया पटेल के सामने कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए गए. इतना ही नहीं इस दौरान धारा 144 की जमकर धज्जियां भी उड़ीं. पूर्व मंत्री व सांसद अनुप्रिया पटेल के साथ अपना दल के मंत्री जय प्रकाश सिंह उर्फ़ जैकी और विधायक राजकुमार पाल को गोविन्दपुर गांव जाने की अनुमति मिली थी. यहां 22 मई को गोविंदपुर गांव में ब्राह्मण और पटेल समुदाय में जातीय संघर्ष हो गया था. जिसका जायजा लेने सांसद अनुप्रिया पटेल गांव पहुंची थीं.
दरअसल, प्रतापगढ़ पट्टी कोतवाली के गोविंदपुर गांव में 22 मई को मार-पीट और आगजनी के बाद इलाके में ब्राह्मण और पटेल के विवाद ने जातीय संघर्ष का रूप ले लिया है. गोविंदपुर गांव इन दिनों राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है. आरोप है कि जानवर के खेत में जाने के बाद ब्राह्मण और पटेलों में जमकर विवाद हो गया. इसके बाद पटेलों के घर में आग लग गयी. इस हादसे में 3 भैंस जलकर मर गयीं. इसी मामले को लेकर राजनीति इतनी तेज हुई की गोविंदपुर गांव का राजनेता चक्कर लगा रहे हैं.
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इसके पहले सपा जिलाध्यक्ष छविनाथ, पूर्व विधायक रामसिंह पटेल और वर्तमान विधायक आरके वर्मा पटेलों के पक्ष में गए थे तो 10 जून को पूर्व मंत्री राजभर, सुहेल देव और कृष्णा पटेल भी गांव जा रही थीं, लेकिन रास्ते में ही उन्हें रोक लिया गया. इन सब पर मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया था. गांव में हुए इस जातीय संघर्ष के बीच शुक्रवार को पटेलों से ही मिलने अपना दल की मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल और यूपी सरकार में मंत्री जय प्रताप सिंह, प्रतापगढ़ सदर विधायक राजकुमार पाल सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ गांव पहुंचे. यहां पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था थी.
अनुप्रिया पटेल ने महिलाओं की बारी-बारी खड़ा करके समस्याएं सुनी और आगजनी हुए घर को भी देखा साथ ही पीड़िक परिवार को न्याय का भरोसा भी दिया. हालांकि जब सरकार विरोधी नारे लगे तो इसे अनुप्रिया ने जनता की भावना बताया. उन्होंने कहा कि इन नारे के पीछे का कारण सरकार से पूछा जाना चाहिए. हालांकि गांव में अनुप्रिया पटेल के आने से राजनीति का पारा और चढ़ गया है.
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