इन चीजों से निकलने वाली ध्वनि से घर में बनी रहती है पॉजिटिविटी

यूनिक समय, मथुरा। विभिन्न वैज्ञानिक शोध से यह साबित हो चुका है कि पूजा के समय उपयोग किए जाने वाले वाद्य यंत्रों से निकलने वाली ध्वनि से वातावरण शुद्ध होता है, कीटाणु समाप्त होते हैं और उस परिवेश में सकारात्मक ऊर्जा भर जाती है। भारतीय के साथ-साथ पाश्चात्य वास्तु और फेंगशुई में भी विभिन्न प्रकार के वाद्य यंत्रों का प्रयोग घर में सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए किया जाता है। आगे जानिए ऐसे कौन-कौन से वाद्य यंत्र हैं जो सकारात्मक माहौल बनाते हैं….

बांसुरी : भगवान कृष्ण की प्रिय बांसुरी आधुनिक वास्तु और फेंगशुई का एक प्रमुख भाग है। घर में नियमित रूप से कुछ देर बांसुरी बजाई जाए, तो इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। जरूरी नहीं कि आपको बांसुरी बजाना आए ही सही, आप बिना सुर की बांसुरी भी बजाएंगे तो लाभ ही होगा। यदि बांसुरी नहीं बजाना चाहते हैं तो घर के ड्राइंग रूम की पूर्वी या उत्तरी दीवार पर लगाएं। इससे परिवार के सदस्यों के बीच मधुरता बनी रहती है।
शंख : शंख हिंदू पूजा का प्रमुख अंग है। घर में नियमित रूप से शंख बजाने से न केवल नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है, बल्कि इससे बुरी शक्तियां भी घर से दूर रहती हैं। भूत, प्रेत, बुरी आत्माओं की नजर घर पर नहीं पड़ती। शंख बजाने से शत्रुओं का नाश होता है। शंख बजाने वाले और उसकी ध्वनि सुनने वाले के अनेक रोग इससे स्वत: नष्ट हो जाते हैं।

सिंगल बेल : यह एक प्रकार की चाइनीज बेल होती है। चीन और तिब्बत के मंदिरों में आपने देखी होगी कुछ आकृतियां बनी हुई बड़ी-बड़ी घंटियां लगी होती हैं।
घर में ऐसी छोटे आकार की घंटी लगाना चाहिए। इसे आप डोर बेल के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। घर के मुख्य द्वार के बाहर इस तरह की बेल लगाएं, जब कोई मेहमान आएगा तो आपको बुलाने के लिए उसी घंटी को बजाएगा। इससे बाहर से आने वाले की सभी नेगेटिव एनर्जी घर के बाहर ही छूट जाएगी।
विंड चाइम्स : फेंगशुई के अनुसार विभिन्न प्रकार के विंड चाइम्स से निकलने वाली मधुर ध्वनि मानसिक शांति प्रदान करती है। इसमें लगी छोटी-छोटी घंटियां जब हल्के हवा के झोंके से हिलती हैं तो उनमें से सॉफ्ट स्वर निकलते हैं। इन ध्वनियों से घर में सकारात्मक ऊर्जा का फ्लो बढ़ता है। ध्यान रहे विंड चाइम्स कर्कश ध्वनि वाली या बड़ी-बड़ी घंटियों वाली बिलकुल न हों। इसे पूर्वी या उत्तरी खिड़की में लगाना चाहिए।

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