राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन के दौरान 9 मिनट तक बिजली गुल, अंधेरे में पढ़ा भाषण

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ओडिशा के बारीपदा स्थित महाराजा श्री रामचंद्र भंजदेव विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह में शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन के दौरान बिजली गुल हो गई। इस लापरवाही के बाद राज्य में राजनीतिक विवाद पैदा हो गया। मुर्मू विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। उनका भाषण शुरू होने के चार मिनट बाद बिजली गुल होने से आयोजन स्थल पर अंधेरा छा गया। लेकिन मुर्मू ने अंधेरे में भी अपना भाषण जारी रखा जो सुबह 11.56 बजे से दोपहर 12.05 बजे तक यानी 9 मिनट तक चला। इसके बाद बिजली वापस आ गई।

राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान बिजली जाने को सुरक्षा में बड़ी चूक करार देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से माफी मांगने को कहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरे राज्य के लिए शर्म की बात है। राज्य सरकार दावा करती है कि ओडिशा बिजली अधिशेष राज्य है लेकिन वह उस स्थान पर बिजली उपलब्ध नहीं करा सकी जहां देश की प्रथम नागरिक मौजूद थीं। हम मुख्यमंत्री से माफी की मांग करते हैं।’’ वहीं, बीजू जनता दल (बीजद) के उपाध्यक्ष देबी प्रसाद मिश्रा ने कहा कि इस चूक के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पंचानन कानूनगो ने कहा, ‘‘यह पूरे राज्य के लिए बड़े शर्म की बात है। हम इस घटना के लिए राज्य सरकार से मांग करते हैं कि वह राष्ट्रपति से माफी मांगे।’’

बताया जा रहा है कि आयोजन स्थल पर बत्ती गुल हो गयी थी लेकिन वातानुकूलित प्रणाली और लाउडस्पीकर सामान्य रूप से काम करते रहे। मुर्मू को यह कहते हुए सुना गया कि बिजली ‘लुका-छिपी खेल रही है’। इस दौरान बड़ी संख्या में दर्शक उन्हें सुनने के लिए धैर्यपूर्वक बैठे रहे। हालांकि, वहां कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। टाटा पावर की कंपनी नॉर्थ ओडिशा पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के सीईओ भास्कर सरकार ने कहा कि हॉल (कार्यक्रम स्थल) में कोई आपूर्ति व्यवधान नहीं था और गड़बड़ी शायद बिजली के तारों में कुछ खराबी के कारण हुई थी। विश्वविद्यालय के कुलपति संतोष कुमार त्रिपाठी ने राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान बिजली के गुल होने को लेकर खेद जताया और माफी मांगी।

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