गंगापार के सोरांव थाना क्षेत्र के सरायदीना गांव में रविवार की रात चुनाव ड्यूटी से लौट रहे मतदान अधिकारी की हत्या कर दी गई। कातिलों ने हत्या कर मतदान अधिकारी के सिर को मिट्टी में दबा दिया था। सुबह लाश मिलने पर हड़कंप मच गया। उसके पास से मिले कागजात के आधार पर शिनाख्त हुई। पुलिस ने अज्ञात कातिलों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। फिलहाल कातिलों के बारे में कोई क्लू नहीं मिला है। उनके मोबाइल कॉल डीटेल्स को निकाला जा रहा है। उधर प्रशासनिक अधिकारियों ने परिवार को मदद के लिए निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है।
सोरांव के सराय लहुरी गांव के रहने वाले आशीष तिवारी उर्फ रिंकू सिंचाई विभाग प्रयागराज में नौकरी करते थे। उन्हें पिता जनार्दन तिवारी की मृत्यु होने पर मृतक आश्रित कोटे से नौकरी मिली थी। लोकसभा चुनाव में उनकी ड्यूटी बारा विधान सभा क्षेत्र में लगाई गई थी। वह बाइक से 11 मई की सुबह घर से निकले थे। ड्यूटी खत्म होने के बाद आशीष बाइक से लौट रहे थे। उन्होंने करीब 12 बजे उन्होंने घर में फोन भी किया लेकिन गहरी नींद में होने के कारण उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।
तड़के परिजनों ने मिस काल देखा तो कई बार बार फोन किया लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। परेशान परिजनों ने कई जगह पता भी किया लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। आशीष की रात में ही कातिलों ने हत्या कर दी थी। शव सोरांव के सराय दीना गांव में सड़क के किनारे एक गड्ढे में पड़ा था। लोगों ने देखा तो पुलिस को सूचना दे दी। सीओ अमित श्रीवास्तव समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए। आशीष के सिर को मिट्टी से ढंक दिया गया था। पुलिस ने बाहर निकाला तो सिर में घातक चोटें थीं।
संभवत: ईट पत्थर से कूंचकर उनकी हत्या की गई थी। तलाशी में उनके पास से जो कागजात मिले, उसके आधार पर घर वालों को फोन किया। थोड़ी देर में छोटा भाई मनीष समेत परिवार के अन्य लोग रोते बिलखते पहुंच गए। जहां शव मिला वहां सड़क चौड़ीकरण का काम चल रहा है। जेसीबी से सड़क के बगल में गड्ढा बनाया गया था। हत्यारों ने शव वहीं फेंका था।
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