प्री मैच्योर शिशु के साथ उसकी माता व सिम्स हॉस्पिटल के चिकित्सक।

यूनिक समय, मथुरा।  सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. रितेन गोयल एवं उनकी टीम ने प्री-मैच्योर शिशु का विश्वस्तरीय इलाज कर जिंदगी दी। स्थानीय निवासी कंचन की आगरा के एक निजी हॉस्पिटल में प्री-मैच्योर डिलीवरी हुई। उस समय नवजात शिशु का वजन 1 किलो 200 ग्राम था।

1 महीने तक एन.आई.सी.यू में भर्ती रहने के बाद भी शिशु के वजन में कोई वृद्धि नहीं हुई। इसके बाद कंचन के परिवारीजन शिशु को लेकर मथुरा हाइवे स्थित सिम्स हॉस्पिटल ले आये। सिम्स में बालरोग विशेषज्ञ डॉ. रितेन गोयल और उनकी टीम ने अथक परिश्रम और गहन देखभाल से शिशु की केयर की। जिसके परिणाम स्वरूप 3-4 दिन में शिशु को वाईपेप से हटा दिया गया और जल्द ही धीरे धीरे शिशु के वजन में भी बढ़ोत्तरी होने लगी। फिर शिशु का वजन 1 किलो 800 ग्राम हो गया और ऑक्सीजन लेवल भी सामान्य हो गया। शिशु के परिवारीजनों ने बेहतर इलाज के लिए सिम्स हॉस्पिटल तथा डॉ. रितेन का आभार व्यक्त किया।

सिम्स हॉस्पिटल के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. रितेन गोयल ने कहा कि बेबी तन्विता का इलाज करके काफी खुशी स्वयं को हो रही है कि सिम्स हॉस्पिट्ल में बच्चों का विश्वस्तरीय इलाज किया जा रहा है। बच्चे स्वस्थ हो अपने घर जा रहे हैं। सिम्स हॉस्पिटल में क्षेत्र का सबसे अत्याधुनिक प्री-मैच्योर एवं नवजात शिशुओं के लिए 10 बेड्स का नियोनेटल आई.सी.यू. है। अब तक सभी बच्चे यहाँ से अपने परिवार के साथ स्वस्थ होकर अपने घर गये है।

सिम्स हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. गौरव भारद्वाज ने कहा कि सिम्स हॉस्पिटल सभी मरीजों को विश्वस्तरीय इलाज देने के लिए संकल्पित है, यहाँ अनुभवी एवं वरिष्ठ चिकित्सक नित नये आयाम स्थापित कर रहे हैं, प्रतिदिन यहाँ चिकित्सक बड़ी से बड़ी जटिल सर्जरी करते हैं जो कि सफल होती है। “सिम्स है तो मुमकिन है”।

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