पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति को देशद्रोह केस में फांसी की सजा

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को राष्ट्रद्रोह के मामले में मौत की सज़ा सुनाई गई है. लाहौर हाईकोर्ट की विशेष बेंच ने उन्हें यह सज़ा सुनाई है.

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) को राष्ट्रद्रोह के मामले में मौत की सज़ा सुनाई गई है. लाहौर हाईकोर्ट की विशेष बेंच ने उन्हें यह सज़ा सुनाई है. पांच जजों की बेंच में दो के मुकाबले तीन जजों ने परवेज मुशर्रफ के खिलाफ फैसला सुनाया. बेंच ने अपने संक्षिप्त आदेश में कहा कि उसने इस मामले में तीन महीने तक तमाम शिकायतों, रिकॉर्ड्स, जिरह और तथ्यों की जांच की और पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 6 के मुताबिक मुशर्रफ को देशद्रोह का दोषी पाया है. उन पर  संविधान से छेड़छाड़ का आरोप लगा है.

इन दिनों परवेज मुशर्रफ दुबई में हैं. परवेज मुशर्रफ साल 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे हैं. साल 2008 में वो देश छोड़ कर वापस चले गए थे. इसके बाद वो मार्च 2013 में पाकिस्तान लौटे थे.

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई गई है. पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार पेशावर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को ऐसी  सजा सुनाई. फिलहाल, परवेज मुशर्रफ दुबई में हैं. 3 नवंबर, 2007 को देश में इमरजेंसी लगाने के जुर्म में परवेज मुशर्रफ पर दिसंबर 2013 में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था. मुशर्रफ को 31 मार्च, 2014 को दोषी ठहराया गया था.

इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने लाहौर हाईकोर्ट (एलएचसी) में एक याचिका दायर कर इस्लामाबाद की एक विशेष अदालत के समक्ष मुकदमे की लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह किया था. उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला है.

डॉन न्यूज के मुताबिक, वकीलों- ख्वाजा अहमद तारिक रहीम और अजहर सिद्दीकी की ओर से दायर याचिका दायर में एलएचसी से विशेष अदालत में कार्यवाही बढ़ाने पर तब तक रोक लगाने के लिए कहा गया जब तक कि एलएचसी की ओर से मुशर्रफ की पूर्व की लंबित याचिका पर फैसला नहीं हो जाता.

याचिका में, मुशर्रफ ने एक विशेष अदालत के गठन को चुनौती दी थी, जिसमें देशद्रोह और गैर कानूनी कार्यों के आरोपों के तहत उनपर मुकदमा दायर किया गया था. मुशर्रफ ने यह नई याचिका इससे पहले इसी महीने तीन सदस्यीय विशेष अदालत की ओर से की गई उस घोषणा के बाद दायर की.

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