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नई दिल्ली। कैंसर एक खतरनाक बीमारी है, लेकिन अब कैंसर का इलाज संभव हो गया है। भारत में भी कैंसर का इलाज होने लगा है। पहले कैंसर का इलाज कराना काफी मंहगा था, पर अब सरकार ने फैसला किया है कि गैर-अनुसूचित कैंसर दवाओं की कीमत में 87 प्रतिशत तक की कमी की गई है, जिसके परिणामस्वरूप रोगियों के लिए लगभग 800 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत होगी।
राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने 27 फरवरी को मूल्य-नियंत्रण के तहत 42 गैर-अनुसूचित एंटी-ड्रग दवाओं को इस सूची में शामिल किया है, जिनकेव्यापार मार्जिन 30 प्रतिशत था। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, “रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत एनपीपीए ने 390 एंटी-कैंसर गैर-अनुसूचित दवाओं की सूची एमआरपी में 87 प्रतिशत तक की कमी के साथ रखी है। संशोधित कीमतें 8 मार्च, 2019 से लागू होंगी।” कुल 390 ब्रांड के कैंसर दवाइयों के दाम में कटौती की गई है। इससे लगभग 22 लाख कैंसर के रोगियों को लाभ मिलेगा।
उद्योग द्वारा स्व-नियमन के नए प्रतिमान पर जोर देते हुए 42 कैंसर रोधी दवाओं के व्यापार मार्जिन को प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट के रूप में पेश किया गया। इन 42 दवाओं के निर्माताओं को विनियमन के तहत ब्रांडों के उत्पादन मात्रा को कम नहीं करने के लिए निर्देशित किया गया है। 38 ब्रांडों के एमआरपी में 75 प्रतिशत और अधिक की कमी आई है, वहीं 124 ब्रांडों में 50 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है। 121 ब्रांडों का एमआरपी 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच कम किया गया है, जबकि 107 ब्रांडों की अधिकतम खुदरा कीमत 25 प्रतिशत से कम हो गई है।
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