नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के अपने समकक्ष महिंदा राजपक्षे से दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों समेत व्यापक मुद्दों पर शनिवार को चर्चा की. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के बड़े भाई महिंदा राजपक्षे पांच दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को यहां पहुंचे. पिछले साल नवंबर में द्वीपीय देश का प्रधानमंत्री नियुक्त होने के बाद राजपक्षे की यह पहली विदेश यात्रा है. अधिकारियों ने बताया कि दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच व्यापार और निवेश के साथ ही रक्षा तथा सुरक्षा समेत अहम द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई.
इससे पहले, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री से मुलाकात की. महिंदा राजपक्षे 2005 से 2015 तक देश के राष्ट्रपति रहे. वह दक्षिण एशिया में सबसे अधिक समय तक राष्ट्रपति रहे नेताओं में से एक हैं. वह 2018 में भी थोड़े समय के लिए प्रधानमंत्री रहे. राष्ट्रपति के तौर पर उनके कार्यकाल में चीन ने हिंद महासागर के द्वीपीय देश में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए थे जिससे भारत में चिंताएं बढ़ गई थीं.
हालांकि, दोनों देशों के बीच पिछले चार वर्षों में रिश्तों में प्रगाढ़ता आई है. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पद संभालने के बाद अपनी पहली आधिकारिक विदेशी यात्रा पर नवंबर में भारत आए थे. श्रीलंकाई राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करने का संकल्प लिया था.
विदेश मंत्री से श्रीलंका के प्रधानमंत्री से मुलाकात में हुई यह चर्चा
दिल्ली में कार्यक्रमों के बाद महिंदा राजपक्षे वाराणसी, सारनाथ, बोधगया और तिरुपति जाएंगे. श्रीलंका के प्रधानमंत्री का सुबह राष्ट्रपति भवन में रस्मी स्वागत किया गया. इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से शनिवार को मुलाकात की और दोनों पड़ोसी देशों के बीच विकास साझेदारी एवं सुरक्षा सहयोग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.
अधिकारियों ने बताया कि श्रीलंका के प्रधानमंत्री और जयशंकर के बीच मुलाकात में रक्षा, सुरक्षा एवं व्यापार संबंधी मुद्दों पर बात हुई. दिल्ली में अपने आधिकारिक दौरे के बाद राजपक्षे वाराणसी, सारनाथ, बोधगया और तिरुपति की यात्रा करेंगे. महिंदा राजपक्षे 2005 से 2015 के बीच देश के राष्ट्रपति रहे. वह 2018 में थोड़े समय के लिए प्रधानमंत्री पद पर भी रहे.
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