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नई दिल्ली। ईडी ने भारत के तीन भगोड़ों विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की करीब 18170 करोड़ की संपत्तियां जब्त की है। यह जब्ती उनसे जुड़े मामलों में किए गए फ्राड की रिकवरी के लिए की गई है। ईडी का दावा है कि यह सीजर बैंकों के नुकसान के 80 प्रतिशत के बराबर है। लगभग आधी संपत्ति बैंकों और केंद्र सरकार को ट्रांसफर भी कर दी गई है। ईडी ने बुधवार को कहा कि न केवल संपत्ति जब्त की गई है, बल्कि 9,371.17 करोड़ रुपये का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और केंद्र सरकार को ट्रांसफर किया गया है।
तीनों ने किया है 22858.83 करोड़ रुपये का फ्राड
विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने करीब 22,585.83 करोड़ रुपये की ठगी की है। ईडी ने बताया कि इसमें 18,170 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है।
8441 करोड़ रुपये की संपत्ति बैंकों को किए गए ट्रांसफर
ईडी के अनुसार 8,441 करोड़ रुपये की संपत्ति बैंकों को हस्तांतरित की जा चुकी है। अन्य 800 करोड़ रुपये 25 जून को अदालत के आदेश के अनुसार ट्रांसफर किए जाने हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि शेयरों की बिक्री से 800 करोड़ रुपये की और वसूली 25 जून तक होने की उम्मीद है।
ईडी ने मुंबई में पीएमएलए विशेष न्यायालय के आदेश के अनुसार बैंकों के एसबीआई के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से अटैच्ड (6,600 करोड़ रुपये मूल्य) के शेयरों को ट्रांसफर कर दिया है। डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल ने यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड के 5,800 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे हैं, जो पहले भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ कथित बैंक धोखाधड़ी जांच के तहत एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत अटैच थे।
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