चंडीगढ़। पंजाब में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है और महीनेभर बाद वोटिंग होनी है। लेकिन, सत्ताधारी कांग्रेस अभी तक प्रत्याशियों को लेकर स्थिति साफ नहीं कर सकी है। पिछले तीन दिन से पार्टी में प्रत्याशियों को लेकर रायशुमारी नहीं बन पा रही है। स्क्रीनिंग कमेटी से चयनिंग उम्मीदवारों को लेकर अंदरखाने ही विरोध देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि अब तक कांग्रेस की पहली सूची जारी नहीं हो सकी। जबकि आम आदमी पार्टी समेत शिअद ने ज्यादातर सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस की पहली लिस्ट आज जारी हो सकती है, इसमें 75 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा हो सकती है।
इधर, नई दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को केंद्रीय चुनाव कमेटी (CEC) की मीटिंग की। इसमें 78 सीटों पर चर्चा हुई। सोनिया ने यहां स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट को पढ़ना शुरू किया तो विरोध शुरू हो गया। चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुनील जाखड़, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने इस पर विरोध जताया। ये तीनों सदस्य बैठक में शामिल थे। जैसे ही इन्होंने आपत्ति जताई तो सोनिया गांधी ने पूछा कि यदि कोई दिक्कत थी तो ये नाम फाइनल ही क्यों किए गए हैं। उन्होंने जाखड़ से कहा कि ये आपत्तियां उठाने का उचित मंच नहीं है। इस पर जाखड़ ने कहा- यदि वह यहां अपनी बात नहीं रख सकते तो कहां रखेंगे? सोनिया गांधी ने इन नेताओं से दोबारा स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक बुलाकर नाम लाने को कहा है।
जब बैठक चल रही थी तो राहुल गांधी चुपचाप सुन रहे थे। बैठक के आखिर में राहुल ने कहा कि किसी भी नेता को टिकट नहीं दिया जाना चाहिए जो एंटी-इनकंबेंसी की वजह से हार का डर जता रहा हो। सिद्धू ने कई उम्मीदवारों पर आपत्ति जताई। चन्नी ने गढ़शंकर से अमरप्रीत सिंह लाली को टिकट देने पर आपत्ति जताई। आदमपुर से चन्नी ने महिंदर सिंह केपी को टिकट देने की बात कही। जाखड़ ने प्रताप बाजवा को टिकट देने पर आपत्ति जताई और कहा कि केंद्र ने गांधी परिवार की सुरक्षा वापस ले ली थी, लेकिन बाजवा को केंद्रीय सुरक्षा मिली थी।
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