फ्रांसीसी राफेल लड़ाकू विमान लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Jet) के हिंदुस्तान को मिलने के बाद से पाक (Pakistan) का भय सामने आ रहा है। राफेल लड़ाकू विमान से परेशान पाक ने अपने दोस्त चाइना से उधार विमान मांगा। लेकिन चाइना ने विमान को उधार देने से मना कर दिया। बावजूद इसके एक बार फिर पाक ने चाइना के सामने अपग्रेडेड रडार व एयरक्राफ्ट की मांग रखी है। इस बार भी चाइना ने पाक की मांग को मानने से मना कर दिया है।
पाक सेना के चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा व पीएम इमरान खान ने राफेल लड़ाकू विमान को काउंटर करने के लिए चाइना से अपग्रेडेड रडार प्रणाली व आधुनिक एयरक्राफ्ट की मांग की है। साथ ही पाक को दिए गए JF-17 थंडर फाइटर जेट को भी अपग्रेड करने की बात रखी है। हालांकि चाइना ने अपने सदाबहार दोस्त की इस मांग को पूरा करने से इन्कार कर दिया है। चाइना द्वारा पाक की हालिया मांग को मानने से मना करने के तीन कारण हैं-
1. चाइना को लगता है कि पाक खस्ताहाल अर्थव्यवस्था की वजह से लोन चुकाने में असमर्थ है। इसलिए संसार भर में चल रही मंदी के बीच पाक को क्रेडिट पर हथियार बेचना फायदे का सौदा नही है। इसके अतिरिक्त चाइना ने कश्मीर में आतंकवादियों के पास से मिल रहे चीनी ग्रेनेड व दूसरे चीनी हथियारों के बारे में भी इमरान व बाजवा से नाराजगी जताई है।
2. खुफिया सूत्रों के मुताबिक चाइना ने बोला कि जो हथियार पाक की सेना के लिए दिए जा गए थे, वो आतंकवादियों के हाथ में कैसे पहुंचे। चाइना को लगता है कि चीनी हथियारों के आतंकवादियों के हाथ में पहुंचने से उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि बेकार हो रही है। इसके साथ ये संदेश भी जा रहा है कि चाइना कश्मीर में आतंकवादियों की मदद कर रहा है। लेकिन चाइना की विवशता है कि वो पहले ही पाक में बहुत ज्यादा निवेश कर चुका है।
3. चाइना ने अकेले पाक इकनोमिक कॉरिडोर में भी चाइना 46 बिलियन डॉलर का निवेश कर चुका है। उसके इस प्रोजेक्ट में भी लगातार देरी होती जा रही है। इन सबके बावजूद हिंदुस्तान चीनी सामान के लिए एक बड़ा मार्केट है। ऐसे में चाइना हिंदुस्तान को नजरअंदाज नही कर सकता है। चाइना के शिंजियांग प्रान्त में उइगर मुसलमानों को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के समर्थन दिए जाने को लेकर भी चाइना ने नाराजगी जताई।
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