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विशेष संवाददाता
नोएडा। यमुना एक्सप्रेस वे पर हो रहे सड़क हादसों को रोकने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण एक योजना को लागू करने की तैयारी पर विचार कर रहा है। तेज रफ्तार से दौड़ती गाड़ियों पर लगाम लगाने के लिए जुर्माना वसूलने की तैयारी हो रही है।
गौरतलब है कि वर्ष 2012 में यमुना एक्सप्रेस वे का उदघाटन किया गया था। सरकार ने इस रास्ते से दिल्ली और आगरा के बीच की दूरी को कम कर दिया था। इस यमुना एक्सप्रेस वे पर गाड़ियां रफ्तार के साथ चलने लगी। परिणाम यह निकला कि कई बड़े हादसे हो गए। कई परिवारों के चिराग बुझ गए।
अब तेज रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए भारी जुर्माना वसूलने की योजना का अमली जामा पहनाने की कोशिश हो रही है। जानकार बता रहे हैं कि अधिकारी यमुना एक्सप्रेस वे पर कुछ बिंदुओं के बीच टाइम बूथ लगाने करने की योजना बना रहे हैं। ताकि इन बूथों के बीच की दूरी को तय करने के लिए हर वाहन कितना समय लगा रहे हैं इसकी जांच की जा सके। यमुना प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा और आगरा के मध्य एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर जीरो पॉइन्टस पर टाइम बूथ लगाने की योजना तैयार कर रहा है। दोनों बूथों के बीच की दूरी तय करने में वाहन कितना समय ले रही है। इसकी निगरानी की जाएगी । यदि कोई वाहन इसके लिए निर्धारित समय से कम समय लेता है, तो चालक को दंडित करने का प्रावधान तैयार किया गया है। बताया जा रहा है कि यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह भी कहते हैं कि यमुना एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने हादसों को रोकने के लिए उठाए जा रहे अन्य उपायों पर भी प्रकाश डाला।
इनमें क्रैश बीम बैरियर लगाना शामिल है। ये दुर्घटना की स्थिति में वाहन को विपरीत लेन में घुसने से रोकने का प्रयास करते हैं। स्पीड-मॉनिटरिंग कैमरों के अलावा एक और तरीका है। जिसके जरिए 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज चलने वाले वाहनों की जांच की जाएगी।
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