एक समय पर दो राज्य सरकारों के लिए परेशानी खड़ी करने वाले और पश्चिमी घाट में आतंक का पर्याय बन चुके वीरप्पन की बेटी विद्या वीरप्पन भाजपा की तमिलनाडु युवा शाखा की नई उपाध्यक्ष बन गई हैं। कहा जाता है कि वीरप्पन 150 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार था जिसमें पुलिस और वन अधिकारी मौजूद थे। उसपर 100 से ज्यादा हाथियों का अवैध शिकार करने और चंदन की लकड़ियों की तस्करी के भी आरोप लगे थे। उसे पुलिस ने 2004 में मुठभेड़ में मार गिराया था।
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हालांकि वीरप्पन की बेटी का कहना है कि उनका सरनेम (उपनाम) एक नए भविष्य का संकेत है। 29 साल की कानून स्नातक कृष्णागिरी में ‘स्कूल फॉर किड्स’ का संचालन करती हैं। विद्या के लिए यह एक समाज सेवा है। उन्होंने कहा, ‘मैं किसी विशिष्ट समुदाय से ताल्लुक नहीं रखती हूं। मुझे मानवता पर विश्वास है।’ बता दें कि विद्या फरवरी में भाजपा में शामिल हुई थीं।
विद्या को राज्य पार्टी नेतृत्व द्वारा एक फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी नियुक्ति के बारे में पता चला। इसके तुरंत बाद ही उनके पिता के बारे में बातें होनी लगीं। उन्होंने कहा, ‘मैंने उन्हें केवल एक बार स्कूल की छुट्टी के दौरान देखा था, जब मैं कर्नाटक में अपने दादा के गांव गोपीनाथम में थी। वहां पास में एक जंगल था। मैं उस समय मु्श्किल से छह या सात सात की थी। मैं जहां खेल रही थी वो वहां पर आए, मुझसे कुछ मिनट बात की और फिर चले गए। मुझे याद है कि उन्होंने मुझसे अच्छा करने, डॉक्टर बनने और लोगों की सेवा करने के लिए पढ़ाई करने को कहा था।’
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उन्होंने कहा, ‘लेकिन जब तक मैंने दुनिया को जानना शुरू किया, वे अपना जीवन जी चुके थे। मुझे लगता है कि उनके आस-पास की परिस्थितियों के कारण उन्होंने गलत रास्ता चुना था। लेकिन मैंने उनके बारे में कुछ कहानियां सुनी हैं जिसने मुझे समाज सेवा करने के लिए प्रेरित किया।’
वीरप्पन साल 2000 में उस समय राष्ट्रीय सुर्खियों में छाया था जब उसने कन्नड़ फिल्मों के अभिनेता राजकुमार का अपहरण कर लिया था और उन्हें कुछ हफ्तों बाद छोड़ दिया था। इसके चार साल बाद तमिलनाडु पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स ने के विजय कुमार के नेतृत्व में उसे मुठभेड़ में मार गिराया था। कुमार आगे चलकर केंद्रीय गृह मंत्रालय में एक सुरक्षा सलाहकार भी बने थे।
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