उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होना है। इसके लिए सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों का भी एलान कर दिया है। राजनीतिक उठापठक के बीच चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। नेताओं के पार्टी बदलने का सिलसिला भी जारी है। इन सबके साथ नेताओं की बयानबाजी और गुटबाजी भी अब सामने आने लगी है।
पहले चरण के चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को 28 जनवरी से कुछ छूट मिल सकती है। वहीं, दूसरे चरण के लिए ये छूट एक फरवरी से मिलने की संभावना जताई जा रही है। इस दौरान पार्टियां और उम्मीदवार फिजिकल पब्लिक मीटिंग कर सकेंगे। घर-घर चुनाव प्रचार के लिए 5 की जगह 10 लोग जा सकेंगे। कोरोना से जुड़ी पाबंदियों के साथ खुली जगहों पर वीडियो वैन लगाकर भी प्रचार किया जा सकेगा।
चुनाव आयोग ने रैली और रोड शो पर लगी पाबंदी को 31 जनवरी तक बढ़ा दिया है। यह पाबंदियां कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए लगाई गयीं थी। जो आज खत्म हो रही थीं। आज हुई बैठक के बाद इन पाबंदियों को 31 जनवरी तक और बढ़ाने का फैसला लिया गया।
चुनाव आयोग ने शनिवार को बरेली, फिरोजबाद व कानपुर नगर के जिलाधिकारियों व फिरोजाबाद और कौशांबी के पुलिस अधीक्षकों को हटाने का आदेश जारी किया है। आईएएस सूर्यपाल गंगवार को फिरोजाबाद, आईएएस शिवकांत द्विवेदी को बरेली व आईएएस नेहा शर्मा को कानपुर नगर का जिलाधिकारी बनाया गया है। इसके अलावा, आईपीएस आशीष तिवारी को फिरोजाबाद व हेमराज मीणा को कौशांबी का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है।
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