अयोध्या। राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर अभी तक पीएमओ से भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या पहुंचने को लेकर कोई स्टेटमेंट जारी न किया गया हो, लेकिन अयोध्या में 5 अगस्त को भूमि पूजन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके लिए सप्तपुरियों समेत देश के प्रमुख धार्मिक स्थानों की मिट्टी और नदियों के जल पहाड़ों की मिट्टी मंगाई जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अयोध्या पहुंचेंगे तो भूमि पूजन के अनुष्ठान कार्यक्रम में अयोध्या और काशी के धार्मिक और वैदिक विद्वान और गणेश पूजन के साथ इन्हीं सामग्रियों से वैदिक रीति रिवाज से रामानंद परंपरा की पूजन परंपरा से पूजन और अनुष्ठान कराएंगे।
सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए कुछ खास लोगों को ही निमंत्रण
राम मंदिर के भूमि पूजन अनुष्ठान में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए कुछ खास लोगों को ही आमंत्रित किया जा रहा है। इसमें राम मंदिर आंदोलन से जुड़े भाजपा के कुछ शीर्ष नेता और विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उच्च पदस्थ लोग शामिल हैं। इसके अलावा अयोध्या की कुछ बड़े साधु संत और काशी और अयोध्या के वह धार्मिक और वैदिक विद्वान भी मौजूद रहेंगे। जो पूरे भूमि पूजन अनुष्ठान कार्यक्रम को विधि-विधान पूर्वक पूर्ण कराएंगे। इसके लिए सप्तपुरियों समेत देश के प्रमुख धार्मिक स्थानों की मिट्टी, जल और पहाड़ों की मिट्टी मंगाई जा रही है।
रामानंदी प्रथा से 5 से 6 घंटे चलेगा राम मंदिर का भूमि पूजन
अयोध्या के बहुप्रतीक्षित राम मंदिर के लिए भूमि पूजन अनुष्ठान की पूजा पद्धति वैदिक रीति रिवाज से रामानंदी परंपरा के अनुसार संपन्न होगी। यह अनुष्ठान वैसे तो लगभग 5 से 6 घंटे चलेगा लेकिन इसमें वह 2 घंटे बहुत महत्वपूर्ण होंगे, जिसमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे। इसी के अनुसार पूरे भूमि पूजन कार्यक्रम को इस तरह आयोजित किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री जब अयोध्या राम जन्मभूमि परिसर पहुंचें तो उस समय भूमि पूजन अनुष्ठान का सबसे महत्वपूर्ण भाग संपन्न हो।
5 अगस्त को सुबह 8 बजे से राम मंदिर के भूमि पूजन की शुरुआत
भूमि पूजन कार्यक्रम की शुरुआत 5 अगस्त को सुबह 8 बजे से ही शुरू हो जाएगी लेकिन लगभग 11 बजे इसका वह भाग शुरू होगा, जो पूरे अनुष्ठान का सबसे अहम चरण होगा। इसी समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन स्थल पर पहुंचेंगे।
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