नई दिल्ली। श्रीलंका सरकार का मानना है कि राजा रावण दुनिया के पहला विमान चालक थे और उन्होंने 5,000 साल पहले उड़ान भरी थी। श्रीलंका के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने अब प्राचीन काल में उड़ान भरने के लिए रावण द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों को समझने के लिए पहल शुरू की है।
कोलंबो से टेलीफोन पर बात करते हुए नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष शशि दानतुनगे ने कहा कि ‘उनके पास यह साबित करने के लिए फैक्ट हैं कि रावण विमान का उपयोग करने वाला और उड़ान भरने वाला पहला व्यक्ति था। ‘
दानतुनगे ने कहा कि ‘राजा रावण एक प्रतिभाशाली व्यक्ति थे. वह उड़ान भरने वाले पहले व्यक्ति थे. वह एक विमान-चालक थे. यह पौराणिक कथा नहीं है; यह एक तथ्य है. इस पर एक विस्तृत शोध किए जाने की आवश्यकता है. अगले पांच वर्षों में हम यह साबित करेंगे.’
श्रीलंका में हुई बैठक
काटुनायके में नागरिक उड्डयन विशेषज्ञों, इतिहासकारों, पुरातत्वविदों, वैज्ञानिकों और भूवैज्ञानिकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया था, जहां बुधवार को श्रीलंका का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बंदरानाइक स्थित है. सम्मेलन में निष्कर्ष निकाला गया कि रावण ने 5,000 साल पहले श्रीलंका से आज के भारत के लिए उड़ान भरी थी और वापस आ गया.
हालांकि, कई लोगों ने इन कहानियों को खारिज कर दिया कि रावण ने भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण किया था. उनका दावा था कि यह एक भारतीय कहानी है और रावण एक महान राजा था.
अंतरिक्ष में भेजा ‘रावण’
श्रीलंका में प्राचीन लंका के राजा के बारे में इन दिनों रुचि है. श्रीलंका ने हाल ही में ‘रावण’ नाम के उपग्रह को पहले अंतरिक्ष मिशन भेजा है.
श्रीलंका में कई लोग मानते हैं कि रावण एक परोपकारी राजा और विद्वान था. यहां तक कि कुछ भारतीय धर्मग्रंथ उन्हें ‘महा ब्राह्मण’ के रूप में बताते हैं, जिसका अर्थ है ‘एक महान ब्राह्मण या एक महान विद्वान.’
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