धोनी के सेमीफाइनल में निचले क्रम पर बल्लेबाजी करने पर कोच रवि शास्त्री ने सफाई दी और इसका मुख्य कारण भी बताया।
नई दिल्ली। वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों मिली हार के बाद धोनी की बल्लेबाजी क्रम पर बहस छिड़ी हुई है। क्रिकेट दिग्गजों का कहना है कि अगर धोनी पहले बल्लेबाजी के लिए आते तो रिजल्ट कुछ अलग होता। धोनी का निचले क्रम पर बल्लेबाजी के लिए आना सबके लिए हैरान कर देने वाला फैसला था। अब धोनी इतने नीचे बल्लेबाजी के लिए क्यों आए इस पर टीम इंडिया के हेड कोट रवि शास्त्री ने सफाई दी है। उन्होंने टीम मैनेजमेंट के इस फैसले पर सफाई देते हुए कहा है कि अगर वो पहले बल्लेबाजी के लिए आते तो टीम चेज करने में फंस जाती।
रवि शास्त्री ने कहा कि धोनी को सातवें क्रम पर बल्लेबाजी के भेजना कै फैसला पूरी टीम का था। ये एक आसान फैसला था क्योंकि अगर वो पहले बल्लेबाजी के लिए आते और जल्दी आउट हो जाते तो फिर सारा खेल ही बिगड़ जाता। हमें उनके अनुभव की जरूरत बाद में थी और वो दुनिया के सबसे बेस्ट फीनिशर हैं। टीम में हर कोई यही चाहता था कि वो बाद में बल्लेबाजी करें। गौरतलब है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ सिर्फ 24 रन पर टीम इंडिया के चार बल्लेबाज आउट हो गए थे और उम्मीद यही कि जा रही थी कि धोनी पांचवें नंबर पर आएंगे, लेकिन उनकी जगह हार्दिक पांड्या को भेज दिया गया जिसके हर कोई हैरान था।
धोनी की बल्लेबाजी क्रम को लेकर टीम इंडिया के पूर्व ओपनर बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि धोनी को इतने नीचे बल्लेबाजी के लिए भेजना काफी हैरान करने वाला फैसला था। हालांकि विराट ने इसके बारे में कहा कि शुरुआत के कुछ मैचों के बाद यही फैसला किया गया था कि वो निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ खेलेंगे। उन्होंने सेमीफाइनल में रवींद्र जडेजा के साथ अच्छी बल्लेबाजी की। टीम में सही बैलेंस जरूरी है और अगर एक खिलाड़ी गेंद को मार रहा है तो दूसरे को विकेट पर टिककर खेलने की जरूरत होती है। आपको बता दें कि न्यूजीलैंड के विरुद्ध धोनी ने 72 गेंदों पर 50 रन बनाए थे और उन्होंने जडेजा के साथ 116 रन की साझेदारी करके टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया था पर जडेजा आउट हो गए और फिर धोनी के आउट होने के बाद टीम इंडिया का फाइनल में पहुंचने का सपना टूट गया।
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