मुंबई: महाराष्ट्र में उद्धव सरकार को बने महीने भर ही हुए हैं लेकिन यहां सबकुछ ठीक नहीं दिख रहा है। सोमवार को मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब बगावत सुर उठने लगे हैं। कैबिनेट विस्तार में एनसीपी के चार बार के विधायक प्रकाश सोलंके को जगह नहीं मिल सकी। इसके साथ ही सोलंके ने विधायकी इस्तीफा देने के साथ-साथ राजनीति से भी संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है।
हालांकि उन्होंने ये साफ किया है कि मंत्री न बनाए जाने चलते वे ये फैसला नहीं ले रहे हैं। लेकिन ऐसे में उनका ये फैसला लेना कहीं न कहीं कुछ न कहे भी बहुत कुछ कहता है। बता दें कि महाराष्ट्र के बीड जिले के मजलगांव सीट से एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके ने कहा कि वह विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे, क्योंकि वह राजनीति करने के लिए अयोग्य हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि विधायक ही नहीं बल्कि राजनीति भी छोड़ने का फैसला किया है। वे आज मंगलवार दोपहर विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर अपना इस्तीफा देंगे। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके इस्तीफे का कैबिनेट विस्तार से कोई संबंध नहीं है
उनके इस बयान से बहुत कुछ साफ होता है..
प्रकाश सोलंके इस बयान से समझा जा सकता है कि वे कैबिनेट विस्तार से किस कदर नाखुश हैं। क्योंकि उन्होंने कहा कि ऐसी राजनीतिक परिस्थिति बनी है, जिसके बाद अब हम जैसे लोगों के लिए सियासत में कोई जगह नहीं बची है। सोलंकी ने कहा कि तीस साल से राजनीति कर रहा हूं और अब इस तरह की राजनीतिक माहौल में हमारे लिए कोई जगह नहीं बची है।
वह पार्टी के किसी नेता से नाखुश नहीं हैं
बताते चलें कि प्रकाश सोलंके चार बार से मजलगांव सीट से विधायक चुने जा चुके हैं। सोमवार को उद्धव सरकार के कैबिनेट विस्तार में उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है जबकि इससे पहले कांग्रेस-एनसीपी सरकार में वे राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के किसी नेता से नाखुश नहीं हैं और एनसीपी नेताओं को अपने फैसले से अवगत करा दिया है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सोमवार को सीएम उद्धव ठाकरे के कैबिनेट मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है। मंत्रिमंडल विस्तार में 36 मंत्रियों ने शपथ लिया। इसमें एनसीपी से 10 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्री, कांग्रेस से 8 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री जबकि शिवसेना से 8 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री के रूप में शपथ लिया है। इस तरह के सरकार में एनसीपी से 12 कैबिनेट जबकि कांग्रेस-शिवसेना के 10-10 कैबिनेट में शामिल हुए हैं। राज्य में इस समय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत 43 मंत्री हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि महाराष्ट्र में अभी भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
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