रिश्तों में दरार: बेटी डॉली के जानी दुश्मन बने पिता और भाई

प्रमुख संवाददाता
मथुरा। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ। नारी शक्ति मिशन। न जाने सरकार कितने और नारों से लुभाने की कोशिश करती है, किंतु  बेटियों पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रही है। छाता कसबा में रहने वाली एक बेटी के दर्द को सुनकर हर किसी के रौंगटे खड़े हो जाएंगे। विधाता ने ऐसा खेल खेला कि पहले पति से तलाक हो गया। अब पिता और भाई दुश्मन हो गए। जिस पिता ने जिस बेटी को अपने हाथों से पाल पोश कर बड़ा किया और पढ़ाया लिखाया, वही पिता अपने बेटों के साथ बेटी की जान लेने के लिए दुश्मन बन गया।

न्याय मांगने के लिए एसएसपी के द्वार पर आई डॉली भार्गव ने रो-रो कर दुख भरी अपनी दास्तां बताई। उसने बताया कि उसकी  शादी दिल्ली में हुई थी। कुछ ही सालों बाद उसका अपने पति से तलाक हो गया। तलाक के बाद उसको करीब 15.50 लाख  रुपए मिले थे। वह बताती है कि उस रकम से उसके पिता ने अपने नाम एक मकान खरीद लिया। कहा कि वसीयत उसके नाम लिख दी जाएगी। डॉली भार्गव और उसका बेटा शिवम भार्गव उस मकान में 13 साल से रह रहे थे, लेकिन आरोप लगाया जा रहा है कि उसके पिता व उसके भाइयों की मकान पर नीयत खराब होने लगी है। 13 अप्रैल 2020 को उसे  मारपीट कर घर से भगा दिया था। फिर वह किराए का मकान लेकर रहने लगी। 27_ नवंबर  को सुबह करीब 9:30 बजे जब वह अपने घर से कुछ सामान लेने के लिए गई तो कमरे का ताला टूटा हुआ मिला। अलमारी से उसके सोने व चांदी के आभूषण षड्यंत्र कर पिता और भाइयों ने निकाल लिए।

डॉली भार्गव (उसके)  पूछने पर उसके पिता चंद्रभान, भाई क्रमश राज कुमार भार्गव, संजय भार्गव, अशोक भार्गव,  योगेश नारायण पुत्र  राजकुमार,, अमन पुत्र अशोक, निशा पत्नी संजय व सुनीता पत्नी राजकुमार निवासी शिव कॉलोनी थाना छाता जिला मथुरा और उसके साथ दो अज्ञात लोगों ने उसको घेर लिया। जान से मारने की नीयत से लाठी व डंडों से मारपीट की। योगेश ने तलवार निकालकर पीड़िता पर वार करना शुरू कर दिया। शर्म की बात तो यह रही कि दो लोगों ने उसके शरीर के कपड़े फाड़कर अर्धनग्न कर दिया।  शोर मचाने पर कई लोग आए और उनके सामने भी पिटाई जारी थी।

छाता कोतवाली में कोई सुनवाई न होने के कारण न्याय के लिए व्हील चेयर  से एसएसपी कार्यालय पहुंची है। ताज्जुब वाली बात तो यह थी कि नारी शक्ति मिशन स्लोगन के सहारे महिलाओं का विश्वास जीतने वाली पुलिस को डॉली भार्गव के जख्म नजर नहीं आ रहे। वह हमलावरों के वचाव की मुद्रा दिखाई दे रही है। पार्षद शकुंतला राठौर ने पिता और भाइयों से बेटी का हक दिलाने की कोशिश की तो उनको बीच में न आने की चेतावनी दे गई।

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