उस लड़ाई को यादकर बौखला जाता है पाकिस्तान, इंडियन नेवी के अटैक से सात दिन तक जलता रहा कराची पोर्ट

नई दिल्ली। हर साल चार दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है। इस दिन नौसेना के साहसिक कार्यों को याद करके उनकी उपलब्धियों को गिनाया जाता है।

साल 1971 में 4 दिसंबर से इसकी शुरुआत हुई, जब भारतीय नौसेना ने ऐसा कारनामा कर दिखाया था कि पूरी दुनिया देखती रह गई। नौसेना ने देश के दुश्मनों को बता दिया था कि हमारी तरफ आंख उठाकर भी न देखे। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना ने 4 दिसंबर को ऑपरेशन ट्राइडेंट को अंजाम दिया। ये भारत के लिए एक ऐतिहासिक जीत थी। 7 दिनों तक जलता रहा कराची पोर्ट …

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच पाकिस्तानी विमानों ने 3 दिसंबर की शाम 6 भारतीय हवाई अड्डों पर हमला किया। जवाब में भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान पर मुंहतोड़ कार्रवाई की थी। भारतीय नौसेना ने इस ऑपरेशन को ऑपरेशन ट्राइडेंट का नाम दिया था। ऑपरेशन की शुरुआत इंदिरा गांधी से इजाजत मांगने से हुई। भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 की जंग शुरू होने से पहले नेवी एडमिरल एसएम नंदा ने इंदिरा गांधी से मुलाकात की थी।

उन्होंने पहले तो नेवी की तैयारियों की जानकारी दी। इसके बाद कराची नौसेना अड्डे पर हमले की इजाजत मांगी। उन्होंने इंदिरा से पूछा कि अगर हम हमला करते हैं तो क्या इससे सरकार को कोई राजनीतिक आपत्ति तो नहीं होगी। इंदिरा ने हैरान होकर पूछा कि वे ऐसा क्यों कह रहे हैं। तब नंदा ने कहा था कि 1965 में नौसेना को कहा गया था कि भारतीय समुद्री सीमा के बाहर एक्शन न ले। इसके बाद इंदिरा ने परमीशन दे दी।

भारतीय नौसेना ने 4 दिसंबर को पाकिस्तान के 4 जंगी जहांजों को नेस्तानाबूत कर दिया। इसके साथ ही कराची बंदरगाह में ईंधन भंडार को भारी नुकसान पहुंचाया था। इस दौरान पाकिस्तानी नौसेना के 500 से अधिक जवानों की मौत हो गई थी। भारतीय नौसेना ने रात में हमले की योजना बनाई क्योंकि पाकिस्तान के पास ऐसे विमान नहीं थे जो रात में बमबारी कर सकें। भारतीय हमले में 3 विद्युत क्लास की मिसाइल बोट्स, 2 एंटी सबमरीन और एक टैंकर शामिल थे। 4 दिसंबर 1971 को दोपहर 2 बजे के आसपास भारतीय नौसेना का बेड़ा गुजरात के ओखा पोर्ट से कराची के दक्षिण में 40 मील की दूरी पर रवाना हुआ। लगभग 10:30 बजे बेड़ा युद्ध के लिए तैयार था

रात 10 बजे लेफ्टिनेंट में से एक ने आईएनएस निपुण के रडार को बीप करते देखा, जिससे संकेत मिलता था कि दुश्मन के वॉरशिप टारगेट पर हैं। आईएनएस निर्घाट ने पाकिस्तानी के पीएनएस खैबर पर दो मिसाइलें दागीं और उसे डुबो दिया। इस बीच आईएनएस निपुण ने मिसाइलें दागीं और एमवी वीनस चैलेंजर को डुबो दिया, जो पाकिस्तानी सेना और वायु सेना के लिए गोला-बारूद ले जा रहा था। आईएनएस निपत ने कराची बंदरगाह में एक तेल डिपो को निशाना बनाया और वहां आग लगा दी। 90 मिनट में भारतीय नौसेना ने 6 मिसाइलें दागीं, जिन्होंने दुश्मन के 4 जहाजों को डुबो दिया। इसके बाद स्क्वाड्रन को द किलर नाम दिया गया और तब से भारतीय नौसेना 3 दिसंबर को किलर डे मनाता है।

 

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*