नई दिल्ली। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि शुद्ध ऑक्सीजन से उम्र बढ़ने के प्रभाव को रोका जा सकता है। हाल ही में की गई एक रिसर्च में ये बात सामने आई है।
रिसर्च में कुछ लोगों को एक प्रेशर से भरे ऑक्सीजन चेंबर में रखा गया जिसके बाद उनमें कई बदलाव हुए। वैज्ञानिकों ने पाया कि ऑक्सीजन चेंबर में रहने से उन लोगों के शरीर के क्रोमोसॉम में मौजूद टेलोमेर्स की मात्रा में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। आपको बता दें, टेलोमेर को क्रोमोसॉम का कैप माना जाता है जो क्रोमोसॉम की रक्षा करता है, जिसके चलते इंसान के बूढ़े होने की प्रक्रिया धीमी पड़ती है। उम्र के साथ टेलोमेर छोटे होते जाते हैं जिसके कराण कैंसर, अल्जाइमर और पार्किसन जैसी बीमारियां होने लगती हैंं
इस शोध में 64 साल या उससे अधिक उम्र के 35 स्वस्थ्य लोगों को एक प्रेशर चेंबर में रखा गया और मास्क के जरिये 100 फीसदी शुद्ध ऑक्सीजन दी गई। इस शोध का सेशन 90 मिनट तक हफ्ते में 5 दिन चलता था और शोध को तीन महीने में पूरा किया गया। इस प्रयोग में शामिल होने वाले लोगों में टेलोमेर्स की मात्रा इतनी बढ़ गई जितनी युवाओं में देखने को मिलती है। वैज्ञानिकों द्वारा की गई ये स्टडी जर्नल ‘एजिंग’ में पब्लिश हुई है।
प्रेशर चेंबर में रहने से ‘हाईपॉक्सिया’ की स्थिति पैदा होती थी जिसे ऑक्सीजन की कमी भी कहा जा सकता है। ऑक्सीजन की कमी होने पर टिशू अधिक मात्रा में ऑक्सीजन लेने लगते हैं जिससे टेलोमेर्स की मात्रा बढ़ जाती है. शोधकर्ताओं ने बताया कि हेल्दी खाना खाने से और इंटेन्स एक्सरसाइज करने से भी टेलोमेर्स की लंबाई नहीं घटती है लेकिन इस शोध में ये पाया गया कि बिना इंटेन्स एक्सरसाइज किए भी टेलोमेर्स की लंबाई घटने से रोका जा सकता है।
इस रिसर्च को तेल अवीव के सागोल सेंटर फॉर हाइपरबेरिक मेडिसिन और रिसर्च संस्थान ने किया है। इस स्टडी के रिसर्चर डॉ. आमिर ने कहा कि इस शोध से पहले सिर्फ जीवन शैली में बदलाव और इंटेन्स एक्सरसाइज से ही टेलोमेर्स की ग्रोथ पर असर दिखता था लेकिन अब सिर्फ तीन महीने की थेरेपी से टेलोमेर्स को बढ़ाया जा सकता है जो अन्य सभी तरीकों के मुकाबले सबसे कारगर है।
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