व्यापक विरोध के बाद बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था पूरी तरह खत्म
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था पूरी तरह खत्म(reservation over) कर दी गई है। छात्रों की ओर से व्यापक विरोध के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को यह एलान किया।
ढाका में पिछले कुछ दिन से छात्र स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों, जातीय अल्पसंख्यक समूहों और महिलाओं को सरकारी नौकरियों में मिले आरक्षण का विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और रबड़ की गोलियां चलाई, जिनमें 100 से ज्यादा छात्र घायल हो गए।
विरोध करने वालों में कई छात्राएं भी शामिल रहीं। उन्होंने अपने लिए आरक्षण की व्यवस्था का भी विरोध किया। इन प्रदर्शनों को देखते हुए प्रधानमंत्री हसीना ने कहा, ‘आरक्षण व्यवस्था को खत्म किया जा रहा है, क्योंकि छात्रों का यह पसंद नहीं है। उन्होंने बहुत विरोध कर लिया है, अब उन्हें घर लौट जाना चाहिए।’ हालांकि हसीना ने यह भी कहा कि सरकार शारीरिक रूप से अक्षम और जातीय अल्पसंख्यकों के रोजगार के लिए कुछ व्यवस्था करेगी।
आरक्षण के विवादित प्रावधानों के विरोध में रविवार से विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत हुई थी। प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने ढाका विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के आवास पर भी धावा बोल दिया था। प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि वाइस चांसलर के घर पर हमला करने वालों को छात्र कहलाने का हक नहीं है। इसके दोषियों को सजा मिलेगी। मीडिया में चली खबरों के मुताबिक, विरोध के तौर पर छात्रों ने कई सरकारी वेबसाइटों को भी हैक कर लिया था।
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