उज्जैन के महाकाल मंदिर से विकास की गिरफ्तारी भी कम रोचक नहीं रही। विकास बकायदा 250 रुपये की पर्ची कटाकर दर्शन के लिए पहुंचा था। एक गार्ड को शक हुआ तो उसने पुलिस को बताया। पुलिस ने किनारे ले जाकर पूछताछ की तो राज खुल गया। हालांकि गिरफ्तारी से पहले विकास मजे से फोटो खिंचवाता नजर आया। यही नहीं, जब विकास पकड़ा गया तो उसके माथे पर जरा भी शिकन नहीं थी। भीड़ को देखकर जोश में आकर चिल्ला पड़ा, ‘मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला।’फिल्मी अंदाज में छिपता फिर रहा था विकास
पकड़े जाने से पहले करीब 150 घंटे तक विकास दुबे पुलिस को छकाता रहा। पूरे यूपी में उसकी तलाश जारी थी तो वह भागकर दिल्ली पहुंच गया। यहां से फरीदाबाद गया। वहां के एक होटल में रुका। सीसीटीवी फुटेज में तस्वीरें भी आईं। इस दौरान विकास दुबे पुलिस से एक कदम आगे ही रहा। जैसे उसे लगातार इंफॉर्मेशन मिल रही हो पुलिस मूवमेंट। जब पुलिस का शिकंजा कसना शुरू हुआ तो विकास के किसी न्यूज चैनल में सरेंडर की बात उड़ी। सबको चकमा देकर विकास मध्य प्रदेश के लिए निकल गया।
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