मुंबई. उद्धव कैबिनेट के विस्तार के बाद से ही गठबंधन सरकार में शामिल सभी तीनों दलों शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में असंतोष और नाराजगी के सुर सामने आए हैं. ऐसे में ये पार्टियां अपने-अपने तरीके से विधायकों की नाराजगी में जुटी है. इस बीच, शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ में संपादकीय के जरिये पार्टी विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने की वजह बताकर उन्हें शांत करने की कोशिश की है. शिवसेना ने लिखा है कि निर्दलीय विधायकों को मंत्रीपद दिए जाने की वजह से पुराने शिवसैनिकों को मिनिस्टर बनने का मौका नहीं मिल सका.
तीन निर्दलीयों का किया उल्लेख
‘सामना’ के संपादकीय में तीन निर्दलीय विधायकों का उल्लेख किया गया है, जिसके कारण शिवसेना के MLA को कैबिनेट में जगह नहीं मिल सकी. इसमें लिखा, ‘बच्चू कडू, शंकर राव गडाख और राजेंद्र येड्रावकर (निर्दलीय विधायक) को शिवसेना कोटे से मंत्री बनाए जाने के कारण पुराने शिवसैनिकों को मौका नहीं मिल पाया. कोल्हापुर से शिवसेना के एकमात्र विधायक प्रकाश आबिटकर को इसीलिए मौका नहीं मिल पाया होगा. बाकी शिवसेना के वही चेहरे हैं.’
आदित्य ठाकरे से जताई उम्मीद
शिवसेना के मुखपत्र में युवा सेना (पार्टी की युवा इकाई) के प्रमुख आदित्य ठाकरे को पिता उद्धव ठाकरे की कैबिनेट में जगह मिलने का भी उल्लेख किया गया है. ‘सामना’ में लिखा, ‘सुवा सेना के प्रमुख आदित्य ठाकरे पहली बार विधायक बने और अब मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं. शिक्षण, स्वास्थ्य, क्रीड़ा, पर्यटन और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों के लिए उनके पास कुछ योजनाएं हैं. मंत्री बनकर अब इन मुद्दों पर काम किया जा सकता है.’
30 दिसंबर को हुआ था उद्धव कैबिनेट का विस्तार
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 30 दिसंबर को अपने कैबिनेट का पहला विस्तार किया था. दिलचस्प है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के एक महीने बाद सरकार का गठन हुआ था और सरकार बनने के तकरीबन एक महीने के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार भी किया गया. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मंत्रिमंडल में तीनों दलों के कुल 36 विधायकों को स्थान दिया गया है. इनमें से अजित पवार को डिप्टी सीएम का पद मिला. इसके अलावा 25 को कैबिनेट अैर 10 को राज्यमंत्री की शपथ दिलाई गई.
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