छात्रवृति घोटालाः चार राज्यों के शिक्षण संस्थानों में सीबीआई के छापे, सीज किया रिकॉर्ड

ढाई सौ करोड़ से ज्यादा के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में जुटी सीबीआई ने सोमवार को हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में 22 शिक्षा संस्थानों के ठिकानों पर छापे मारे। हिमाचल में शिमला, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, चंबा व कांगड़ा स्थित कई शिक्षण संस्थानों के अलावा करनाल, मोहाली, नवांशहर, अंबाला और गुरदासपुर में भी दबिश दी।

इस दौरान टीमों ने उन संस्थानों से घोटाले से संबंधित दस्तावेजों को भी जब्त किया है। बताया जा रहा है कि इन दस्तावेजों में घोटाले के दौरान प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं के ब्योरे के अलावा प्रदेश व केंद्र सरकार से मिली वित्तीय सहायता का लेखा जोखा शामिल है। सीबीआई के ये छापे मंगलवार को भी जारी रहने की संभावना है।

मंत्री रामलाल मारकंडा की शिकायत के बाद विभागीय जांच

बता दें कि सरकार बनने के बाद जयराम सरकार ने अपने मंत्री रामलाल मारकंडा की शिकायत के बाद शिक्षा विभाग से विभागीय जांच करवाई। इसमें साल 2013-14 से लेकर 2016-17 तक 2.38 लाख अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति जारी करने के दौरान हुई गड़बड़ी की बात सामने आई।

इस अवधि के दौरान 2772 शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति वितरित की गई, जिसमें 266 निजी शिक्षण संस्थान शामिल थे। निजी संस्थानों को 210 करोड़ और सरकारी संस्थानों को 56 करोड़ की राशि दी गई। 2.38 लाख विद्यार्थियों में से 19915 को चार मोबाइल फोन नंबरों से जुड़े बैंक खातों में राशि जारी की गई है।

चूंकि मामला कई बड़े शिक्षण संस्थानों एवं दूसरे राज्यों में स्थित संस्थानों से जुड़ा था, ऐसे में प्रदेश सरकार ने इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। जिसके बाद अब मामला दर्ज कर सीबीआई ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

प्रचार छोड़कर पहुंचे एमडी

सीबीआई टीम के बिलासपुर स्थित एक संस्थान पर पहुंचने की सूचना मिलते ही संस्थान के प्रबंधक निदेशक भी अपना चुनाव प्रचार छोड़ मौके पर पहुंच गए। टीम ने सुबह से ही संस्थान के छात्रवृत्ति संबंधित सभी दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी। बाहरी तत्वों के आने पर संस्थान में प्रतिबंध कर दिया गया।

अन्य निजी संस्थान भी हैं सीबीआई के रडार पर
छात्रवृत्ति घोटाले मामले में कई निजी संस्थान सीबीआई के रडार पर हैं। बताया जा रहा है कि सीबीआई अगले कुछ दिनों में एक-एक कर सभी संस्थानों पर दस्तक दे सकती है। वहीं सीबीआई की छापामारी से निजी क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।

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