बीजेपी के साथ आने के लिए सिंधिया ने कांग्रेस को हाथ जोड कहा— अलविदा

पिछले काफी समय से कांग्रेस अपने दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को अनदेखा कर रही है। सिंधिया समर्थकों का भी कहना है कि पार्टी में उन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं दी जा रही न ही उनकी बाते सुनी जा रही है। इसके बाद सिंधिया समर्थकों में खासा रोष है। अब कहा जा रहा है कि कांग्रेस में बने ये हालत और लगातार हो रही अनदेखी से परेशान सिंधिया ने पार्टी छोडने का मन बना लिया है। सिंधिया के कांग्रेस छोडने के संकेत काफी समय से मिल रहे हैं, लेकिन अभी तक इस बात पर आधिकारिक मुहर नहीं लगाई गई।

सिंधिया ने कुछ समय पहले अपने सोशल मीडिया अकाउंट से कांग्रेस से जुड़ी जानकारी हटाई थी। जिसके बाद से ही कहा जा रहा था कि सिंधिया ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। हालांकि अभी तक आधिकारिक घोषणा या किसी का बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सोशल मीडिया पर ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस के कार्य करने कि प्रणाली और जनता से किए गए वादा को पूरा न करने के कारण सिंधिया कई नेताओं से परेशान है। वे कई बार ट्वीट के माध्यम से भी कांग्रेस पर निशाना साध चुके हैं और मध्यप्रदेश कांग्रेस को उनका वादा याद दिलाते हुए कार्रवाई की मांग कर चुके हैं।

इसके पहले मध्यप्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष बनने के सवाल पर सिंधिया ने कहा था कि मैं जनसेवा और सेवाभाव के लिए काम करता हूँ, किसी पद के लिए कभी काम नहीं करता। महाराष्ट्र में सरकार को लेकर असमंजस पर सिंधिया ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि जनमत भाजपा और शिवसेना गठबंधन को मिला है अब बड़ी विचित्र स्थिति बनी है। सिंधिया ने अयोध्या मामले पर फैसला आने के बाद भी ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान किया था। उन्होने ट्वीट में लिखा था कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूँ। सभी को इस फैसले को पूरी गंभीरता और धैर्य से स्वीकार करना चाहिये। हम सब की जिम्मेदारी है कि इस फैसले के बाद आपसी सौहाद्र, भाईचारे और अमन चैन की नींव पर मजबूती से खड़े हमारे देश मे शांति और सद्भाव कायम रहे ।

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