
महाराष्ट्र में सत्ता के लिए अभी भी उठापटक जारी ही है। सभी दल बस इस कोशिश में लगे हैं कि कैसे राज्य में सरकार बनाने की नींव रखी जाए। राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है और शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के बीच अभी भी बैठकें जारी है। बुधवार को न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर देर रात तक चर्चा की गई, लेकिन इसका नतीजा सामने नहीं आ पाया। इसी बीच शिवसेना ने जिन विधायकों को रिजॉर्ट में रखा था, जिन पर हर वक्त नजर रखी जा रही थी, उन्होने भी रिजॉर्ट छोड़ दिया है।
शिवसेना विधायक रिजॉर्ट से बाहर
कहा जा रहा है कि शिवसेना ने अपने सभी विधायकों को रिजॉर्ट छोडने का आदेश दिया। यह आदेश बुधवार देर शाम दिया गया, जिसके बाद कई विधायकों ने कल ही रिजॉर्ट छोड़ दिया। शिवसेना ने ऐसा क्यों किया इसके बारे में अभी तक साफ नहीं किया गया है। इसके बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट कर उन सारे कयासों पर विराम लगा दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि कांग्रेस और शिवसेना में समझौता हो चुका है। उन्होने कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और अहमद पटेल के बीच मीटिंग और वादे को लेकर गलत अफवाह फैलाई जा रही है। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि ऐसी कोई मुलाकात नहीं हुई। हमारी बातचीत कांग्रेस और एनसीपी के साथ चल रही है।
शिवसेना पर गरजे शाह
महाराष्ट्र के चुनावी दंगल पर गृहमंत्री अमित शाह बिफर पड़े। उन्होने कहा कि यदि किसी के पास बहुमत है तो वे राज्यपाल के सामने दावा पेश करें। उन्होने कहा कि इससे पहले किसी भी राज्य में इतना समया नहीं दिया गया था। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 18 दिन दिए गए थे। राज्यपाल ने विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही पार्टियों को आमंत्रित किया। सरकार बनाने को लेकर न तो हमने दावा किया, न शिवसेना और ना ही कांग्रेस और एनसीपी ने। हमे आज भी शिवसेना की शर्ते मंजूर नहीं है।
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