महाराष्ट्र में काफी बवाल के बाद बनी शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार पर अब संकट के बादल फिर मंडराने लगे हैं। सरकार गिरने की कगार पर आ चुकी है। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि शिवसेना अभी भी बीजेपी के साथ अपनी मित्रता नहीं भूली है। शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के विरुद्ध जाकर बीजेपी के साथ संसद में भी दोस्ती कि मिसाल पेश की, जिसके बाद एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं का गुस्सा सातवे आसमान पर हैं। वहीं गठबंधन तोड़ने की भी बात कही जा रही है! यदि ऐसा हुआ तो फिर से महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी की सरकार बन सकती है!
कांग्रेस ने दी गठबंधन से बाहर आने की चेतावनी
शिवसेना के लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करने से सोनिया गांधी नाराज हैं। इसके बाद कांग्रेस की ओर से गठबंधन तोड़ने की भी धमकी दी जा चुकी है। अब कांग्रेस का कहना है कि शिवसेना का अगर यही रुख कुछ मंत्रालय हमारे लिए अहमियत नहीं रखता है। कांग्रेस ने बिल के बारे मे कहा कि इसमें न केवल धर्म के आधार पर भेदभाव किया गया है, बल्कि यह सामाजिक परंपरा और अंतरराष्ट्रीय संधि के भी खिलाफ है। कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक है, संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। जिन आदर्शों को लेकर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने संविधान की रचना की थी, यह उसके भी खिलाफ है।
कांग्रेस के गुस्से के बाद डर में शिवसेना
पहले नागरिकता संशोधन विधेयक की आलोचना करने वाली शिवसेना सदन में अचानक बादल जाती है और बीजेपी के पक्ष में वोट कर देती है। वहीं इसके बाद जब कांग्रेस गठबंधन तोड़ने कि धमकी देती है तो शिवसेना फिर से बीजेपी खिलाफ हो जाती है। नेता संजय राउत का अब कहना है कि कल जो लोकसभा में हुआ भूल जाइए, लेकिन देखना है कि राज्यसभा में शिवसेना क्या करती है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब तक चीजें स्पष्ट नहीं हो जाती, हम समर्थन नहीं करेंगे। मीडिया से बात करते हुए ठाकरे ने कहा, ‘जब तक चीजें स्पष्ट नहीं हो जाती, हम बिल का समर्थन नहीं करेंगे. अगर कोई भी नागरिक इस बिल की वजह से डरा हुआ है तो उनके शक दूर होने चाहिए. वे भी हमारे नागरिक हैं, इसलिए उनके सवालों के भी जवाब दिए जाने चाहिए।
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