- सत्ता के लालच में बीजेपी छोड़ एनसीपी-कांग्रेस को गले लगा रही शिवसेना.
- इस अवसरवादिता पर सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रही है शिवसेना.
- महाराष्ट्र और बाला साहब को धोखा देने पर हो रही मजम्मत.
सत्ता के लालच और राजनीतिक महत्वाकांक्षा के तहत महाराष्ट्र में नए सियासी समीकरण बना रही शिवसेना की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है. टि्वटर पर शिवसेना के बाला साहब ठाकरे और महाऱाष्ट्र को धोखा देने वाले हैशटैग जमकर ट्रेंड हो रहे हैं. गौरतलब है कि महाराष्ट्र के गहराती राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना एनसीपी की शर्तों को मानकर बीजेपी से नाता तोड़ने को राजी हो गई है. शिवसेना के संजय राउत ने साफतौर पर कह भी दिया है कि सेना-बीजेपी के बीच ‘रिश्ता’ खत्म हो चुका है.
शिवसेना की अवसरवादिता
सियासी पंडित भी इस बेमेल गठबंधन को लेकर हैरान हैं. गौरतलब है कि शिवसेना ने जहां खुलकर हिंदुत्व की राजनीति की है, वहीं कांग्रेस ने हमेशा से पंथनिरपेक्षता की हुंकार भरी है. ऐसे में हिंदुत्व के मुद्दे पर भारतीय राजनीति के फलक पर छा जाने वाली बीजेपी संग तीन दशकों तक गलबहियां करने वाली शिवसेना के पाला बदलने को राजनीतिक पंडित अवसरवादिता की ही संज्ञा दे रहे हैं. यही वजह है कि सोशल मीडिया पर शिवसेना को लेकर जमकर भड़ास निकाली जा रही है.
टि्वटर पर ट्रेंड हो रहे ये हैशटैग
सोमवार सुबह से टि्वटर पर #shivsenacheatsbalasaheb और #shivsenaCheatsMaharashtra ट्रेंड कर रहे हैं. राज्यपाल द्वारा शिवसेना को सरकार बनाने का निमंत्रण देने के बाद से ही राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदला है. सोमवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शिवसेना के अकेले मंत्री अरविंद सावंत ने जहां इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है, वहीं महाराष्ट्र के कांग्रेसी विधायकों ने सरकार में शामिल होने का फैसला पूरी तरह से आलाकमान पर छोड़ दिया है.
बैठकों का दौर शुरू
बदले हालातों में बैठकों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. शिवसेना और एनसीपी जहां मुंबई में बैठक कर रही है, वहीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली स्थित अपने घर पर बैठक बुलाई है. इस बीच बीजेपी ने शिवसेना के साथ संबंधों के लिए महाराष्ट्र बीजेपी को खुली छूट दे दी है. शिवसेना ने जहां बयानों के तीर छोड़ने शुरू कर दिए हैं, वहीं बीजेपी ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है. एनसीपी और कांग्रेस के नेता संतुलित बयानबाजी कर रहे हैं.
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