नई दिल्ली। यूपी की सियासत में यादव मतदाताओं को लुभाने के लिए जमकर राजनैतिक रोटियां सेकी जा रही हैं। यादव वोटबीजेपी 15 सितंबर को लखनऊ में यादव सम्मलेन कर रही हैं। वहीं, सपा से नाता तोड़कर अलग हुए शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच यादव समुदाय के नेता बनने की जंग तेज हो गई है। बता दें कि शिवपाल यादव समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाने के बाद पहली बार लखनऊ में एक बड़े कार्यक्रम में शामिल होंगे।
यह कार्यक्रम यादव समुदाय के संगठन श्रीकृष्ण वाहनी की ओर से 11 सिंतबर को किया जा रहा है। शिवपाल इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे श्रीकृष्ण वाहनी के महासचिव अशोक यादव ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि 11 सितंबर को होने वाला कार्यक्रम काफी कुछ तय करेगा। खासकर यूपी के यादव समाज के राजनीतिक भविष्य को लेकर। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में शिवपाल यादव मुख्य अतिथि होंगे और यादव समाज के काफी लोग इसमें शामिल होंगे।
इस सम्मेलन में जिस तरह यादव समुदाय के लोगों को खासकर बुलाया जा रहा है। राजनैतिक गलियारों में ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि श्रीकृष्ण वाहनी के बहाने शिवपाल, यादव समाज के बीच अपनी राजनीतिक पकड़ का टेस्ट करना चाहते हैं। कार्यक्रम के महासचिव का साफ कहना है कि 11 सितंबर को कई राजनीतिक फैसले कदम उठाए जाएंगे।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में ओबीसी समुदाय में सबसे बड़ी संख्या यादव समुदाय की है। सूबे में करीब 8 फीसदी यादव मतदाता हैं और पिछड़ी जाति में लगभग 20 फीसदी हिस्सेदारी है। मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक उभार के पीछे यादव मतदाताओं की अहम भूमिका रही है।
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