मकराना। कांग्रेस पार्टी की 25 वर्षीय समरीन अब मकराना नगर परिषद् की सभापति बन गईं हैं। परिषद् की वे अब तक की सबसे कम उम्र की सभापति बनी हैं। कांग्रेस की सभापति की प्रत्याशी समरीन निर्विरोध चुनी गई है। कांग्रेस सहित कुल 4 प्रत्याशियों ने मकराना नगर परिषद के सभापति के लिए आवेदन किया था। जिनमें से तीन निर्दलीय प्रत्याशी रुखसाना बेगम, परवीन बेगम और शाहिदा बेगम ने अपना नाम रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर वापस ले लिया है।
इससे पहले मकराना नगर परिषद में भाजपा को झटका देते हुए कांग्रेस ने बोर्ड बना लिया। पहली बार मकराना में पूर्ण बहुमत के साथ कांग्रेस ने अपना बोर्ड बनाया है। भारतीय जनता पार्टी आज तक मकराना में अपना बोर्ड नहीं बना पाई है। सभापति चुने जाने के बाद रिटर्निंग अधिकारी सैयद सिराज अली जैदी ने नगर परिषद कार्यालय में नवनिर्वाचित सभापति समरीन को उसने पद की शपथ दिलवाई। इस दौरान कांग्रेसियों ने एक दूसरे का मीठा मुंह करवा कर खुशी जाहिर की तथा जमकर नारेबाजी भी की। वहीं सभापति समरीन का माला पहनाकर भी लोगों ने इस्तकबाल किया। मकराना नगर परिषद के 55 वार्डों में से कांग्रेस ने 35 वार्डो पर जीत दर्ज की थी जबकि भाजपा ने तीन तथा निर्दलीय 17 पार्षद चुने गए थे।
जाने कौन हैं समरीन
समरीन मकराना की पहली कम उम्र की सभापति है। 5 जनवरी 1993 को जन्मीं समरीन के पिता जाकिर हुसैन गैसावत मकराना के एक बार विधायक रह चुके हैं तथा वर्तमान में कांग्रेस जिलाध्यक्ष है। सभापति समरीन ने महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री ले रखी है। वे मकराना के पूर्व सभापति अब्दुल सलाम भाटी के छोटे भाई मुजीब के पुत्र साजिद भाटी की पत्नी भी है। वहीं मीडिया से रूबरू होते हुए सभापति समरीन भाटी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित स्थानीय नेताओं का आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि वे सभी वर्गों को साथ लेकर मकराना के विकास को एक नया आयाम देगी।
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