भाजपा को झटका: शिवसेना गठबंधन का नासिक और कोल्हापुर में कब्जा, निकाय चुनाव में करारी हार

मुंबई: महाराष्ट्र में भाजपा नासिक और कोल्हापुर जिला परिषदों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा के गठबंधन के हाथों गुरुवार को हार गई। हालांकि भाजपा सांगली जिला परिषद में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद बचाने में कामयाब रही जहां शिवसेना के सदस्यों ने उसका समर्थन करने का फैसला किया। जिला परिषदें अहम स्थानीय निकाय हैं और कई बार तो उन्हें ‘मिनी मंत्रालय’ (मिनी सचिवालय) भी कहा जाता है। ऐसा उनकी शक्तियों की वजह से कहा जाता है।

भाजपा-शिवसेना का गठबंधन खत्म होने के बाद तीन जिला परिषदों में राजनीतिक समीकरणों में बदलाव आया है। कोल्हापुर और नासिक में, शिवसेना ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव के दौरान कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिला लिया। नासिक में शिवसेना के बालासाहेब क्षीरसागर अध्यक्ष और राकांपा के सयाजी गायकवाड़ उपाध्यक्ष बने हैं। वहीं, कोल्हापुर जिला परिषद में कांग्रेस के बजरंग पाटिल अध्यक्ष बने हैं जबकि राकांपा के सतीश पाटिल उपाध्यक्ष बने हैं। सांगली में, भाजपा के प्रजाकता कोरे और शिवाजी डोंगरे अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बने हैं, क्योंकि शिवसेना के तीन सदस्यों ने भाजपा के लिए मतदान किया।

लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी-शिवसेना ने पालघर नगर परिषद चुनावों में जीत लीं 28 में से 21 सीटें

भाजपा और शिवसेना ने महाराष्ट्र में पालघर नगर परिषद चुनावों में जबरदस्त जीत हासिल की है. सोमवार को इसके परिणाम घोषित किये गए. भगवा पार्टियों ने कुल 28 में से 21 सीटों पर जीत दर्ज की है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की उज्ज्वला काले को मतदाताओं द्वारा सीधे परिषद का अध्यक्ष चुना गया. अध्यक्ष का पद पहले शिवसेना के पास था. पार्षदों की कुल 28 सीटों के लिए रविवार को चुनाव हुए थे. शिवसेना ने जहां 14 सीटें जीतीं, वहीं भाजपा ने सात, राकांपा ने दो और शेष पांच सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों (शिवसेना के बागी) के खाते में गईं. अगस्त 2014 में ठाणे जिले से अलग होने के बाद पालघर जिले में परिषद का यह पहला चुनाव था. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर लड़ने का फैसला किया है और दोनों के बीच सीटों का बंटावारा भी चुका है. कुछ दिन पहले तक जहां शिवसेना मोदी सरकार की हर नीति की जमकर आलोचना कर रही थी वहीं अब पार्टी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का कहना है कि बीजेपी और शिवसेना का फेवीकॉल का मजबूत जोड़ है जो कभी टूट नहीं सकता है. कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव से पहले पालघर नगर परिषद के चुनाव में बीजेपी और शिवसेना को मिली जीत से दोनों ही पार्टियों के लिए अच्छे संकेत हो सकते हैं. हालांकि नगर परिषद के चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं और इनका कितना असर लोकसभा चुनावों पर पड़ेगा यह देखने वाली बात होगी.

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में शिवसेना 23 और बीजेपी 25 सीटों पर लड़ेगी. फडणवीस ने कहा कि ‘अब हमारे बीच कोई गलतफहमी नहीं है.’ सीएम देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन की स्थित भी साफ कर दी. उन्होंने कहा कि ‘प्रदेश में हमारे जो मित्र हैं उनकी सीटें छोड़कर बीजेपी और शिवसेना आधी-आधी सीटों पर चुनाव लड़ेगी.’

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