मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी दांवपेंच लगातार चल रहे हैं. भाजपा और शिवसेना दोनों में सरकार बनाने को लेकर सहमति की जगह तल्ख़ी बनी हुई है. शिवसेना मांग कर रही है कि उसे भी ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद दिया जाए लेकिन भाजपा इस बात पर राज़ी नहीं है. शिवसेना का आरोप है कि भाजपा अपने वादे से मुकर रही है. इस सारी खींचतान के बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने आज एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मुलाक़ात की.
इस मुलाक़ात के बड़े सियासी मायने हैं. संजय राउत ने इस मुलाक़ात के बारे में कहा कि मैं NCP प्रमुख शरद पवार को दिवाली की शुभकामनाएं देने आया था. इसके अलावा हमने महाराष्ट्र की राजनीति पर भी चर्चा की. इसके पहले शिवसेना ने आज एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुन लिया. इसके बाद शिंदे और आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना के सभी विधायकों ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाक़ात की थी. मुलाक़ात के बाद हालांकि आदित्य ठाकरे ने सरकार के गठन को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया.
आदित्य ठाकरे ने कहा,”हमने राज्यपाल से उन किसानों और मछुआरों को सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया, जिन्हें हाल ही में हुई बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि वह खुद केंद्र से इस बारे में बात करेंगे.” जब उनसे सरकार बनाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा,”मैं सरकार के गठन के बारे में बात नहीं करूंगा. उद्धव जी ने जो कहा, उस पर जो भी कहना होगा, वह कहेंगे … उनका शब्द अंतिम है.”आपको बता दें कि इसके पहले जब शिवसेना की मीटिंग हुई तो उसमें उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी संख्या बल अच्छी है और मुख्यमंत्री पद पर हमारा हक़ भी है और हमारी ज़िद भी.उन्होंने कहा कि सीएम का पद हमेशा एक के लिए कायम नहीं रहता. बालासाहेब ठाकरे ने जिसे जो वचन दिया उसने उसका पालन किया. हम सत्ता के भूखे नहीं हैं, लेकिन बीजेपी से जो बात हुई उसका पालन होना चाहिए.
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