श्री कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मामला: आज कोर्ट में 6 मामलों में होगी सुनवाई, पक्षकार रखेंगे अपना पक्ष

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श्री कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मामले में गुरुवार को सुनवाई होगी। मथुरा कोर्ट में 6 वादकारियों द्वारा दाखिल किए गए वादों पर सुनवाई की जाएगी। सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में रंजना अग्निहोत्री,महेंद्र प्रताप सिंह,दिनेश शर्मा,मनीष यादव,शिशिर चतुर्वेदी और अनिल त्रिपाठी के वाद पर सुनवाई होगी।

गुरुवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मामले में विभिन्न वादों में सुनवाई होगी। कोर्ट में दाखिल वाद में 13.37 एकड़ भूमि मुक्त कराने की मांग की गई है। वादकारियों का दावा है कि श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट की 13.37 एकड़ भूमि पर एक हिस्से में शाही ईदगाह बनी है।

मथुरा कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह और उनके सहयोगियों ने वाद दाखिल किया हुआ है। इस वाद में श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट की 13.37 एकड़ भूमि में से 2.37 एकड़ भूमि पर बनी शाही ईदगाह को हटाने की मांग की गई है। कोर्ट इस मामले में दोनों वादी और प्रतिवादी दोनों पक्षों की दलील सुन रहा है।

गुरुवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में वादकारी अनिल त्रिपाठी के वाद पर भी सुनवाई होगी। अनिल त्रिपाठी के वाद में कोर्ट में 2 प्रार्थना पत्र दाखिल किए हुए हैं। इसमें एक में संशोधित प्रार्थना पत्र को मूल वाद में शामिल करने और दूसरा अमीन सर्वे की मांग को लेकर दाखिल किया हुआ है। वहीं एक अन्य वादकारी पवन शास्त्री के वाद में कोर्ट ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को हाजिर मान लिया है।

अनिल त्रिपाठी के वाद में कोर्ट में 2 प्रार्थना पत्र दाखिल किए हुए हैं। इसमें एक में संशोधित प्रार्थना पत्र को मूल वाद में शामिल करने और दूसरा अमीन सर्वे की मांग को लेकर दाखिल किया हुआ है
अनिल त्रिपाठी के वाद में कोर्ट में 2 प्रार्थना पत्र दाखिल किए हुए हैं। इसमें एक में संशोधित प्रार्थना पत्र को मूल वाद में शामिल करने और दूसरा अमीन सर्वे की मांग को लेकर दाखिल किया हुआ है

मथुरा कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर 12 से ज्यादा वाद दाखिल हैं। अलग अलग लोगों द्वारा दाखिल इन वादों में एक मांग की गई है वह है 13.37 एकड़ भूमि को मुक्त कराना। लेकिन यह विवाद है क्या और कब से शुरू हुआ इसको समझिये। शाही ईदगाह मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से सटी हुई है। 12 अक्तूबर 1968 को श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट की विंग जो मंदिर का संचालन करती थी श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ एक समझौता किया था। समझौते में 13.37 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों के बने रहने की बात है।

पूरा विवाद इसी 13.37 एकड़ जमीन को लेकर है। इस जमीन में से 11 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान और बाकी जमीन पर शाही ईदगाह मस्जिद बानी हुई है । अब हिन्दू पक्ष पूरी 13.37 एकड़ जमीन को कब्ज़ा मुक्त कराने की मांग कर रहा है।

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