सिद्धू ने कैबिनेट बैठक में न जाके की अलग प्रेस कांन्‍फ्रेंस, कैप्‍टन ने उठाया यह कदम

चंडीगढ़। पंजाब के फायर ब्रांड नेता और कैबिनेट मंत्री आज यहां आयोजित पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में नहीं आए। इससे सिद्धू व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच विवाद और बढ़ता दिख रहा है। पंजाब कांग्रेस में कलह और बढ़ गई है। कैबिनेट की बैठक में जाने के बजाय सिद्धू ने अलग से प्रेस कान्‍फेंस की और कांग्रेस नेतृत्‍व व सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को एक तरह से चुनौती दे दी। उन्‍होंने  फिर आक्रामक तेवर दिखाए और कहा कि मैं किसी व्‍यक्ति नहीं पंजाब के लोगों के प्रति जवाबदेह हूं। बताया जाता है कि वह एक-दो दिन बड़ा ऐलान कर सकते हैं। पूरे मामले में कयासबाजी तेज हो गई है।

कैप्‍टन अमरिंदर का पलटवार, सिद्धू समेत छह मंत्रियों के विभाग बदलने की फाइल राज्‍यपाल को भेजी

उधर, कैप्‍टन अमरिंदर ने भी पलटवार कर दिया है। उन्‍होंने सिद्धू सहित करीब छह मंत्रियों के विभाग बदलने के लिए कदम उठा दिया है और इस संबंध में फाइल पंजाब के राज्‍यपाल वीपी सिंह बदनौर को भेज दी है। ऐसे में अब कल तक सिद्धू समेत छह मंत्रियों के विभाग बदल जाने की संभावना है।

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा- किसी व्‍यक्ति नहीं पंजाब के लोगों के प्रति हूं जवाबदेह

बता दें कि सिद्धू द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान की गई बयानबाजी से कैप्टन अमरिंदर सिंह और कई मंत्री  काफी नाराज हैं। अमरिंदर ने तो सिद्धू को नॉन परफॉर्मर मिनिस्टर तक दिया है। इसका जवाब सिद्धू ने अपने विभाग के कामकाज के आंकड़े देकर भी करना चाहा है, लेकिन दोनों के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं। माना जा रहा था कि आज जब वह कैबिनेट की मीटिंग में शामिल होंगे तो यह दूरियां कुछ कम हो जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू।

बताया जाता है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नवजोत सिंह सिद्धू को स्थानीय निकाय विभाग से हटवाना चाहते हैं। इसके लिए उन्‍होंने राज्‍यपाल वीपी सिंह बदनौर को फाइल भेज दी है। जानकारी के अनुसार, इसमें सिद्धू समेत छह मंत्रियों के विभाग बदलने की बात है। माना जा रहा है कि सिद्धू को स्थानीय निकाय व महकमे से हटाए जाने संबंधी फैसला आज-कल में हो जाएगा।कैप्टन अमरिंदर सिंह इससे पहले सिद्धू के विभाग में फेरबदल करने को लेकर राहुल गांधी से लगातार संपर्क कर रहे थे। चूंकि, राहुल गांधी के इस्‍तीफे की पेशकश के कारण राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व में ऊहापोह की स्थिति  थी, इसलिए सिद्धू के बारे में फैसले में देरी हुई।

सिद्धू बोले- मैं पंजाब के लोगों के प्रति जवाबदेह

दूसरी ओर, सिद्धू कैबिनेट बैठक में नहीं गए, लेकिन इस दौरान प्रेस कांन्‍फेंस कर पार्टी नेतृत्‍व और कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को एक तरह से चुनौती दे दी। नवजोत सिंह सिद्धू ने लोकसभा चुनाव में बठिंडा और गुरदासपुर सीटों सहित चार सीटों पर हार के लिए खुद को दोषी ठहराने का जवाब दिया। उन्‍होंने कहा कि पंजाब में शहरी सीटों पर लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत में मेरी और मेरे विभाग के कार्य प्रदर्शन की महत्वपूर्ण भूमिका थी। मुख्यमंत्री ने मुझे पंजाब में दो जिलों की जिम्मेदारी दी।कांग्रेस ने इन दोनों जिलों में बड़ी जीत हासिल की।

नवजोत सिंह सिद्धू कहा कि लोकसभा चुनाव और सरकार का कार्य एक सामूहिक जिम्मेदारी है, लेकिन मेरा विभाग सार्वजनिक रूप से एकल हो गया है। व्‍यक्ति के पास चीजों को सही परिप्रेक्ष्य में देखने की क्षमता होनी चाहिए। बिना प्रमाण के मुझे दोषी नहीं ठहराया जा सकता या मुझ पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। मैं खुद को सबित करने वाला और प्रदर्शन करके दिखाने वाला व्‍यक्ति हूं। मेरी निष्‍ठा पंजाब के लिए है और मैं पंजाब के लोगों के प्रति जवाबदेह हूं। मुझे अन्‍य बातों की कोई चिंता नहीं।

सिद्धू बोले- राजनीति में फैसला नफा नुकसान देखकर नहीं करता

सिद्धू ने कहा, राजनीति में मैं नफा-नुकसान देखकर निर्णय नहीं लेता। राजनीति मेरा प्रोफेशन नहीं है बल्कि मेरा पेशा है। मैं राजनीति में लाखों करोड़ों रुपये कमाने नहीं आया। मैं परफार्मर रहा हूं, चाहे वह क्रिकेट का मैदान हो या कमेंट्री या टीवी शो और राजनीति का। मैं हर जगह अपना सौ फीसदी देने की कोशिश की है।

यह पूछे जाने पर कि आप कैबिनेट की बैठक में शामिल होने की जगह प्रेस कांन्‍फ्रेंस कर रहे है, बैठक में क्‍यों नहीं गए तो सिद्धू ने कहा कि कैबिनेट बैठक के एजेंडे में मेरे स्‍थानीय निकाय विभाग का कोई एजेंडा नहीं था। य‍दि बैठक में मेरे विभाग का एजेंडा होता तो उसमें जरूर शामिल होता। यह पूछे जाने पर कि क्‍या आपको बैठक के लिए सूचना या न्‍यौता आया था, नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, हां बुलावा आया था। लेकिन जब मेरे बॉस (कैप्‍टन अमरिंदर सिंह) का ही मुझ पर विश्‍वास नहीं रह गया है तो मैं वहां जाकर क्‍या करता।

सिद्धू के अगले सियासी कदम को लेकर चर्चाएं गर्म

इसके साथ ही सिद्धू को लेकर पंजाब की राजनी‍ति में कयासबाजी तेज हो गई है। कहा तक यह भी जा रहा है कि सिद्धू कोई अन्‍य राजनीतिक विकल्‍प तलाश सकते हैं। इस चर्चा को उस समय भी बल देने की कोशिश की गई जब आम आदमी पार्टी से अलग होकर अलग मोर्चा बनाने वाले सुखपाल सिंह खेहरा ने सिद्धू को साथ आने की दावत दी। बताया जा रहा है एक-दो दिन में सिद्धू बड़ी घोषणा कर सकते हैं।

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