नई दिल्ली। नाथ्र-ईस्ट दिल्ली दंगों की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की एसआईटी (SIT) ने अपनी चार्जशीट में एक बड़ा खुलासा किया है। एसआईटी ने चार्जशीट में आरोप लगाए हैं कि जौहरीपुर, और भागीरथी में 25-26 फरवरी की रात जो दंगे हुए वो एक व्हाट्सएप ग्रुप से ऑपरेट किए जा रहे थे। यह ग्रुप उसी रात बनाया गया था।
ग्रुप में कुल 125 लोग शामिल किए गए थे. एसआईटी का यह भी आरोप है कि ग्रुप को उस दिन कुछ लोग ऑपरेट करते हुए चैट भेज और रिसीव कर रहे थे, जबकि बाकी के लोग दंगों में सक्रिय रूप से शामिल थे। कुछ आरोपियों के मोबाइल (Mobile) की जांच के बाद इसका खुलासा हुआ है। इसी के अगल दिन यानि 27 फरवरी को इस इलाके में चार शव बरामद किए गए थे। गोकुलपुरी दंगे में मारे गए आमिर अली और हाशिम अली के मामले में भी 9 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
दंगों में निज़ामुद्दीन मरकज़ और देवबंद का नाम भी आया
दिल्ली दंगों की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट में एक बड़ा खुलासा हुआ है. दिल्ली पुलिस ने खुलासा करते हुए कहा है कि इस हिंसा का मास्टरमाइंड राजधानी पब्लिक स्कूल का मालिक फैजल फारूक है। पुलिस ने दावा किया है कि हिंसा बड़ी साजिश के तहत हुई और फैजल फारूक हिंसा के ठीक पहले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कई नेताओं, पिंजरा तोड़ ग्रुप, निज़ामुद्दीन मरकज़, जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी और देवबंद के कुछ धर्मगुरुओं के संपर्क में थ।. फैज़ल हिंसा से ठीक एक दिन पहले देवबंद भी गया था. उसके मोबाइल से इस बात के सबूत मिले हैं।
फैजल के इशारे पर हुई थी लूटपाट और आगजनी
एसआईटी की जांच में पता चला कि ये पूरी साजिश फैज़ल फारूक ने की थी. उपद्रवी नीचे उतरे और डीआरपी स्कूल को आग लगा दी गई। स्कूल के कंप्यूटर और महंगा सामान लूट लिया गया. इन लोगों ने पास ही एक दूसरी इमारत में भी आग लगा दी, जिसमें अनिल स्वीट्स नाम से मिठाई की दुकान थी। इस दुकान का एक कर्मचारी दिलबर नेगी भी दुकान में फंस गया और उसे ज़िंदा जला दिया गया था।
हिंसा के इस मामले में फैज़ल फारूक समेत 18 लोग गिरफ्तार किए गए है. फैज़ल के इशारे पर ही डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल, अनिल स्वीट्स और पास बनीं 2 बड़ी पार्किंग को आग के हवाले किया गया था। पुलिस को स्कूल के गार्डों, मैनेजर और कर्मचारियों के अलावा कई और गवाह मिले हैं।
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