साढ़े पांच दिन में गिरे टीम इंडिया के इतने विकेट, यही वो 5 वजह से मिली ‘सबसे शर्मनाक हार’

क्राइस्टचर्च. भारतीय टीम का 39 दिन लंबा दौरा एक और शर्मनाक हार के साथ खत्म हुआ. इसके साथ ही टीम इंडिया का वनडे सीरीज के बाद टेस्ट सीरीज में भी सफाया हो गया. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भारतीय टीम की ये पहली सीरीज हार है. साथ ही विराट कोहली के कप्तान बनने के बाद से भी दो मैचों की टेस्ट सीरीज में मिली टीम इंडिया की शर्मनाक हार भी यही है. दिलचस्प बात रही कि दुनिया की नंबर वन टेस्ट टीम दो मैचों की टेस्ट सीरीज में छह दिन भी नहीं टिक सकी. वेलिंगटन में हुआ पहला टेस्ट भले ही साढ़े तीन दिन में खत्म हुआ था, लेकिन एक पूरा सत्र बारिश के चलते धुल गया था. ऐसे में इसे तीन दिन का ही टेस्ट कहा जा सकता है. वहीं क्राइस्टचर्च टेस्ट तो महज ढाई दिन ही चल सका. यानी कुल साढ़े पांच दिन के खेल में टीम इंडिया के 40 विकेट गिर गए. न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया की शर्मनाक हार की ये पांच वजह रहीं.

1. टॉप ऑर्डर नाकाम : भारतीय टीम की हार की सबसे अहम वजह बल्लेबाजों, खासकर टॉप ऑर्डर की नाकामी रही. मयंक अग्रवाल ने जहां दो मैचों में एक अर्धशतक की मदद से 25.50 की औसत से 102 रन बनाए, वहीं पृथ्वी शॉ ने 24.5 की औसत से 98 रन बनाए, जिसमें महज एक अर्धशतक रहा. वहीं कप्तान विराट कोहली तो 9.50 की औसत से 38 रन ही बना सके. वहीं चेतेश्वर पुजारा ने 25 की औसत से 100 रन बनाए, जिसमें एक अर्धशतक भी रहा.

2. ऋषभ पंत ने किया निराश : अजिंक्य रहाणे और हनुमा विहारी ने जहां टुकड़ाें में अच्छा प्रदर्शन किया, वहीं ऋषभ पंत ने तो पूरी तरह निराश ही किया. रहाणे ने 22.75 की औसत से दो मैचों में 91 रन बनाए, वहीं हनुमा ने 21.50 की औसत से 86 रन बनाए, जिसमें एक अर्धशतक भी रहा. ऋषभ पंत के बल्ले पर जंग लगी रही. उन्होंने दो मैचों में 15 की औसत से 60 रन बनाए. पंत का निराश होना इसलिए भी खला क्योंकि उनकी बल्लेबाजी के लिए टीम की प्लेइंग इलेवन में साहा को जगह नहीं दी गई थी.

Image result for Indian Team

3. लचर फील्डिंग : भारतीय टीम की फील्डिंग का स्तर भी टीम के लिए बड़ी परेशानी बना. क्राइस्टचर्च टेस्ट के तीसरे दिन ऋषभ पंत ने जसप्रीत बुमराह की गेंद पर टॉम ब्लंडेल का कैच टपकाया. नौवें ओवर की तीसरी गेंद पर ब्लंडेल के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर गेंद विकेट के पीछे गई, जहां पंत कैच नहीं ले सके. हालांकि अंपायर ने इस पर बाई का इशारा दिया, लेकिन रीप्ले में साफ दिख रहा था कि गेंद का बल्ले से संपर्क हुआ है.

4. हालात का फायदा नहीं उठा सके गेंदबाज : वेलिंगटन और क्राइस्टचर्च दोनों ही टेस्ट में भले ही टॉस न्यूजीलैंड ने जीता, लेकिन पिच अधिकतर समय गेंदबाजों के लिए मददगार रही. न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने जहां सही जगह टप्पा रखकर बल्लेबाजों की राह मुश्किल कर दी, वहीं भारतीय गेंदबाज लाइन और लेंग्‍थ पर ही काबू नहीं रख सके और नई गेंद से कोई कमाल नहीं दिखा सके. जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी ने टुकड़ाें में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन वे एकजुट होकर न्यूजीलैंड पर दबदबा बनाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए.

Image result for Indian Team

5. विराट कोहली की असफलता : टीम इंडिया के लिए टेस्ट सीरीज में सबसे बड़ी निराशा खुद कप्तान विराट कोहली लेकर आए. कोहली के बल्ले से दो मैचों की टेस्ट सीरीज में महज 38 रन ही निकल सके. कोहली ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर असहज दिखे और जरूरत से ज्यादा आक्रामकता दिखाने के चक्कर में सीधी गेंद पर भी विकेट गंवा बैठे.

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*