
यूनिक समय, नई दिल्ली। स्पेसएक्स का सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप अपने परीक्षण में एक बार फिर असफल हो गया। बुधवार तड़के अमेरिकी राज्य टेक्सास के बोका चिका स्थित स्पेसएक्स के स्टारबेस लॉन्चपैड से यह रॉकेट भारतीय समयानुसार सुबह 5 बजे लॉन्च किया गया था। सफल प्रक्षेपण के लगभग 20 मिनट बाद ही इसमें तकनीकी खामी आ गई और यह क्रैश हो गया।
स्पेसएक्स के इस मेगारॉकेट की यह नौवीं परीक्षण उड़ान थी, जिसे फ्लाइट-9 नाम दिया गया था। इस मिशन में सुपर हेवी बूस्टर और शिप 35 का इस्तेमाल किया गया। लॉन्च के दौरान रॉकेट ने कई महत्वपूर्ण चरण सफलतापूर्वक पार किए, लेकिन पृथ्वी के वातावरण में दोबारा प्रवेश करते समय इसका नियंत्रण खो गया, जिससे यह रॉकेट बिखर गया। इसे हिंद महासागर में लैंड कराने की योजना थी।
स्पेसएक्स ने हादसे की पुष्टि करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, “फ्लाइट टेस्ट अपेक्षा के अनुसार सफल नहीं रहा। स्टारशिप ने एक अनिर्धारित विघटन का अनुभव किया। हमारी टीमें डेटा की समीक्षा कर रही हैं और अगली उड़ान की तैयारी में जुटी हैं। हर टेस्ट से हमें नई सीख मिलती है और यही अनुभव स्टारशिप को और बेहतर बनाने में मदद करेगा।”
एलन मस्क का दावा है कि स्टारशिप छह महीने में मंगल तक पहुंचने में सक्षम होगा, जो पहले की अनुमानित 10 साल की समयसीमा से कहीं तेज है। हालांकि लगातार परीक्षण विफलताओं के चलते यह सपना फिलहाल अधूरा बना हुआ है।
स्पेसएक्स का मानना है कि परीक्षणों के दौरान मिली खामियों को समझकर वे भविष्य में इस तकनीक को और अधिक विश्वसनीय बना सकेंगे। कंपनी का दीर्घकालिक उद्देश्य मानवता को बहुग्रहीय बनाना है, जिसमें स्टारशिप की भूमिका केंद्रीय मानी जा रही है।
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