नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के उज्जैन से कानपुर लाए जा रहे शूटआउट का मुख्य आरोपी विकास दुबे एक एनकाउंटर में ढेर हो चुका है। भागने की कोशिश में उसे पुलिस की गोलियां लगीं। एनकाउंटर से पहले उस गाड़ी का एक्सीडेंट भी हुआ था, जिसमें विकास को लाया जा रहा था। इस बारे में एसएसपी कानपुर दिनेश कुमार पी ने बताया कि कैसे कुछ गाड़ियों से पीछा छुड़ाने के लिए पुलिस को स्पीड में गाड़ी दौड़ानी पड़ी और दुर्घटना हो गई. इस दौरान यूपी एसटीएफ ) भी साथ थी।
एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि विकास दुबे को ला रहे काफिले के पीछे कुछ गाड़ियां लगी हुई थीं। यह लगातार पुलिस के काफिले को फॉलो कर रही थीं, जिसकी वजह से गाड़ी तेज़ भगाने की कोशिश की गई। बारिश तेज़ थी, इसलिए गाड़ी पलट गई।
एसएसपी के मुताबिक, इस मौके का फायदा उठाकर विकास दुबे भागने की कोशिश में था. हमारे एसटीएफ जवान इस गाड़ी को पीछे से फॉलो कर रहे थे. उन्होंने कॉम्बिंग की. इस दौरान फायरिंग हुई और सेल्फ डिफेंस में विकास दुबे पर गोली चलाई गई. इसमें वह मारा गया. एसएसपी ने बताया कि एनकाउंटर कोई चीज़ नहीं होती है. हम न्यायिक प्रक्रिया को फॉलो करते हैं. विकास के जो भी गुर्गे हैं, सबको गिरफ्तार किया जाएगा.
एक किमी पहले रोक दिया गया था मीडिया को
बताया जा रहा है कि जब यूपी की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी को मध्य प्रदेश से लेकर चली, तभी से मीडिया की गाड़ियां उसे फॉलो कर रहीं थी. कानपुर तक भी मीडिया की गाड़ियां पीछे थी. लेकिन एक जगह पर करीब एक किलोमीटर पहले तक मीडिया की गाड़ियों को रोक दिया गया और चेकिंग की जा रही थी. इसके तुरंत बाद एसटीएफ के काफिले में शामिल गाड़ी के पलटने की खबर आई.
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