40-50 हजार रुपये किराया देकर निजी वाहनों से आ रहे विद्यार्थी

Lockdown Extension गृह मंत्रालय की अनुमति मिलने के बाद अब बाहर फंसे लोगों का आना-जाना शुरू हो गया है। एक ओर जहां हवाई व रेल यात्रा बंद है। वहीं दूसरे राज्यों में फंसे लोग निजी वाहनों से आने लगे हैैं। सीमा पर इनकी जांच भी हो रही है। झारखंड-बिहार सीमा पर चोरदाहा चेकपोस्ट पर भी प्रशासन पूरी सख्ती बरत रहा है। बताया जा रहा है कोटा में फंसे छात्र भारी भरकम किराया देकर यहां पहुंच रहे हैं। एक टैक्सी का 40 से 50 हजार रुपये तक किराया चुकाया गया है।

गुरुवार को राजस्थान के कोटा में फंसे बच्चों की राज्य वापसी को लेकर प्रशासन सक्रिय दिखा। चेकपोस्ट पर स्वास्थ्य महकमा की ओर से सीमा में प्रवेश करने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी तीन शिफ्ट में 24 घंटे के लिए चिकित्सक व सहयोगी को सीमा पर प्रतिनियुक्त किया गया है। चेकपोस्ट से प्राप्त सूचना के आधार पर गुरुवार को सुबह छह से लेकर शाम पांच बजे तक तीस विभिन्न वाहनों से कोटा में रहकर पढ़ाई करने वाले झारखंड के कुल 120 छात्रों ने घर वापसी की।

इसमें हजारीबाग से पांच वाहनों पर 18 बच्चे लौटे तो शेष झारखंड के 25 वाहनों पर 102 छात्र लौटे। हजारीबाग निवासी कुमार अभिनव अपने दो दोस्तों अनिकेत व मोहित राज के साथ 40 हजार किराया देकर घर वापस लौटा है। वहीं जामताड़ा के पांच बच्चे मिनी बस से लौटे। इनमें बिट्टू, प्रीति, साक्षी पोद्दार, मोना कुमारी, सुमन शामिल हैं। इन बच्चों के राज्य सीमा में प्रवेश करने के दौरान भय व खुशी का मिला जुला भाव दिखा। एक ओर जहां घर लौटने की खुशी थी, वहीं कोरोना को लेकर भय भी दिखा। कोटा से अपने घर लौटनेवालों में छात्राओं की भी काफी संख्या देखी गई।

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