​शिखर सम्मेलन: जिन्हें विश्वसनीय माना जरूरत के समय नहीं आए काम, भरोसेमंद पार्टनर है भारत : पीएम मोदी

पोर्ट मोरेस्बी। पापुआ न्यू गिनी की यात्रा पर पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने के तीसरे शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। इस दौरान उन्होंने वन फैमिली..वन फ्यूचर का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि भारत भरोसेमंंद पार्टनर है। पीएम ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार किए जाने की मांग भी की। चीन का नाम लिए बिना नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिन्हें हमने विश्वसनीय माना वे जरूरत के समय काम नहीं आए।

तीसरे शिखर सम्मेलन में नरेंद्र मोदी की फिजी यात्रा के दौरान लॉन्च किया गया था। इसमें 14 प्रशांत द्वीप देश (फिजी, पापुआ न्यू गिनी, टोंगा, तुवालु, किरिबाती, समोआ, वानुअतु, नीयू, फेडरेटेड स्टेट्स ऑफ माइक्रोनेशिया, मार्शल द्वीप समूह, कुक द्वीप समूह, पलाऊ, नौरू और सोलोमन द्वीप समूह) शामिल हैं।

नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमें लंबे समय बाद मिलने का मौका मिला है। इस बीच विश्व कोविड महामारी और अन्य कठिन चुनौतियों से गुजरा है। इन चुनौतियों का प्रभाव ग्लोबल साउथ के देशों पर सबसे अधिक पड़ा है। क्लाइमेट चेंज, प्राकृतिक आपदाएं, भुखमरी, गरीबी और स्वास्थ्य से जुड़ी बहुत सी चुनौतियां पहले से ही थी, अब नई समस्याएं उत्पन्न हो रहीं हैं। फूड, फ्यूल, फर्टिलाइजर और फार्मा की सप्लाई चेन में बाधाएं आ रही हैं। जिन्हें हम अपना विश्वसनीय मानते थे पता चला कि जरूरत के समय वो हमारे साथ नहीं खड़े थे। इस कठिनाई के समय में पुराना वाक्य सिद्ध हुआ कि जरूरत के समय काम आने वाला ही असली दोस्त होता है।”

उन्होंने कहा, “भारत इस चुनौतिपूर्ण समय में अपने प्रशांत के द्वीप मित्रों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा। भारत में बनी वैक्सीन हो या जरूरत की दवाएं, गेहूं हो या चीनी, भारत अपनी क्षमताओं के अनुरूप सभी साथी देशों की मदद करता रहा है। मेरे लिए आप छोटे द्वीप देश नहीं, बड़े समुद्री देश हैं। भारतीय विचारधारा में पूरे विश्व को परिवार की तरह देखा गया है। वसुधैव कुटुंबकम का मूल मंत्र हमारी प्रेरणा है। इस साल चल रही हमारी जी20 अध्यक्षता की थीम भी वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत के प्रकाश में वन अर्थ वन फैमिली..वन फ्यूचर है।”

पीएम मोदी ने कहा, “भारत ग्लोबल साउथ की चिंता, उनकी अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को जी20 के जरिए विश्व के सामने पहुंचाना अपना दायित्व मानता है। पिछले दो दिनों में जी7 सम्मेलन में भी मेरी यही कोशिश थी। क्लाइमेट चेंज के मुद्दे पर भारत ने महत्वाकांक्षी लक्ष्य सामने रखे हैं। मुझे खुशी है कि हम इनपर तेजी से काम कर रहे हैं। पिछले साल यूएन सेक्रेटरी जनरल के साथ मैंने मिशन लाइफ लॉन्च किया। मैं चाहूंगा कि आप सभी भी इस मूवमेंट से जुड़ें। भारत ने इंटरनेशनल सोलर एलाइंस और CDRI (कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर) जैसे पहल किए हैं। सोलर एलाइंस के साथ आपमें से ज्यादातर देश जुड़े हैं।”

नरेंद्र मोदी ने कहा, “2023 को यूएन ने अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है। इनकी खेती में कम पानी लगता है और इनमें पोषण भी अधिक है। मेरा विश्वास है कि मिलेट्स आपके देशों में भी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में बड़ा योगदान दे सकते हैं। भारत आपकी प्राथमिकताओं का सम्मान करता है। आपका विकास साझेदार होने पर गर्व महसूस करता है। मानवीय सहायता हो या फिर आपका विकास, भारत को आप भरोसेमंद पार्टनर के रूप में देख सकते हैं। विश्वास कर सकते हैं।”

पीएम मोदी ने कहा, “हम बिना किसी संकोच के अपनी क्षमताएं और विशेषज्ञता आपके साथ शेयर करने के लिए तैयार हैं। डिजिटल टेक्नोलॉजी हो या स्पेस टेक्नोलॉजी, हेल्थ सिक्योरिटी हो या फूड सिक्योरिटी, क्लाइमेट चेंज हो या पर्यावरण की रक्षा, हम हर तरह आपके साथ हैं। हम सभी देशों की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करते हैं। ग्लोबल साउथ की आवाज भी यूएन सुरक्षा परिषद में बुलंदी से उठनी चाहिए। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का सुधार हमारी साझा प्राथमिकता होनी चाहिए।”

तीसरे के शिखर सम्मेलन में पापुआ न्यू गिनी के पीएम जेम्स मारापे ने कहा कि हम ग्लोबल पावरप्ले के शिकार हैं। आप (पीएम मोदी) ग्लोबल साउथ के नेता हैं। हम वैश्विक मंचों पर आपके (भारत) नेतृत्व का समर्थन करेंगे।

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