2000 के नोट बिना किसी ID प्रूफ के बदले जाते रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें बिना ID प्रूफ के 2000 के नोट बदले जाने के RBI के आदेश को चुनौती दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यह RBI का पॉलिसी डिसीजन है। सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी उपाध्याय से सवाल किया कि मान लीजिए आप सब्जीवाले को 2000 का नोट देते हैं, तो क्या वो आपसे ID प्रूफ मांगेगा। यह शासन का मसला है। इस तरह से बहुत बड़े पैमाने पर ट्रांजैक्शन हो रहा है। क्या आप कहेंगे कि सभी अवैध हैं?
दिल्ली हाईकोर्ट ने भी 29 मई को फैसले में कहा था कि यह RBI का पॉलिसी डिसीजन है। इसमें अदालत को दखल नहीं देना चाहिए। अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से 2 बार अर्जेंट हियरिंग की अपील भी की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार 30 जून तक बैंकों को 2000 रुपए के 76% नोट मिले हैं। अब तक वापस आए नोटों की टोटल वैल्यू 2.72 लाख करोड़ रुपए है। RBI के अनुसार सर्कुलेशन से वापस मिले 2,000 रुपए के कुल बैंक नोटों में से लगभग 87% डिपॉजिट के रूप में हैं और शेष लगभग 13% को अन्य मूल्य वर्ग के बैंक नोटों में बदल दिया गया है।
RBI ने लोगों से एक बार फिर अनुरोध किया है कि वे 2000 के नोट को 30 सितंबर 2023 से पहले बदल लें। किसी भी तरह की भीड़ और परेशानी से बचने के लिए आखिरी समय का इंतजार न करें।
रिजर्व बैंक ने अपने सर्कुलर में कहा है कि वो 2000 का नोट सर्कुलेशन से वापस लेगा, लेकिन मौजूदा नोट अमान्य नहीं होंगे। RBI ने बताया था कि ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत यह फैसला लिया गया है। लोग किसी भी बैंक में एक बार में 10 नोट बदलवा सकते हैं, जबकि डिपॉजिट की कोई लिमिट नहीं है।
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