स्वामी निश्चलानंद महाराज ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल न होने की ये वजह बताई

कोलकाता। अयोध्या में बने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह 22 जनवरी को होने वाला है। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रभु श्रीराम का अभिषेक करेंगे। चार शंकराचार्यों ने इस समारोह में हिस्सा लेने से इनकार किया है। इसकी वजह को लेकर कई वादे किए जा रहे हैं। इस बीच पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने बताया है कि चार शंकराचार्य के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने की वजह क्या है।

स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा, “शंकराचार्य अपनी गरिमा बनाए रखते हैं। यह अहंकार नहीं है। क्या हमसे उम्मीद की जाती है कि जब प्रधानमंत्री रामलला की मूर्ति स्थापित करेंगे तो हम बाहर बैठेंगे और तालियां बजाएंगे? ‘धर्मनिरपेक्ष’ सरकार होने का मतलब यह नहीं है कि परंपराएं खत्म हो जाएं।”

चार शंकराचार्यों के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होने को लेकर विपक्ष सवाल पूछ रहा है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने दावा किया है कि ‘अधूरे मंदिर’ में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह पर आपत्ति जताने के बाद शंकराचार्यों ने कार्यक्रम में शामिल न होने का फैसला किया है।

कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि हमारे शंकराचार्य भी राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। इससे पता चलता है कि इसमें शामिल नहीं होने का कारण महत्वपूर्ण है। इस आयोजन का राजनीतिकरण किया गया है। हमारे शंकराचार्य सनातन धर्म के शीर्ष पर हैं। वे हमारा मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। यदि शंकराचार्य ऐसा कह रहे हैं, तो इसका अपना महत्व है।

गौरतलब है कि राम मंदिर के भव्य उद्घाटन के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस कार्यक्रम के लिए 7 हजार से अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया है। राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी को शुरू होने वाले हैं।

 

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*