ब्रज भ्रमण: कात्यायनी को पूज गोपियों ने पाए कान्हा
कालिंदी कात्यायनी और चीर कदंब… सब मिलकर द्वापर के दृश्य का चित्रण करते हैं। सियारा के तट पर चीर हरण का प्रसंग तैर रहा है। […]
कालिंदी कात्यायनी और चीर कदंब… सब मिलकर द्वापर के दृश्य का चित्रण करते हैं। सियारा के तट पर चीर हरण का प्रसंग तैर रहा है। […]
मीलों के फासले मिट गए मोहन के प्यार में, सिमट आया है सारा भारत इस रस संसार में। अकिंचन ने मन दिया और धनवान ने […]
माघ वदी आठ को विराजे प्रियावल्लभ जू, नवल निकुंज मांझ अद्भुत सुख भये हैं। संवत 1870 की साल लाल, बाल छवि देख जनम जनम दुख […]
ठाकुर के वात्सल्य से भीगी सिंध की माटी कृष्ण योग भक्ति की सौंधी सुगंध बिखेरने लगी। गोपीनाथ की लीलाओं से सारा डेरा गाजी खां चकित […]